भारत बनाम पाकिस्तान अर्थव्यवस्था ?
हाल ही में भारत द्वारा आतंकी ठिकानों पर किए गए “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद पाकिस्तान की ओर से जवाबी धमकी दी गई। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति उसे किसी बड़े संघर्ष का सामना करने की अनुमति देती है? इस विश्लेषण में हम देखेंगे कि आर्थिक मोर्चे पर भारत और पाकिस्तान के बीच कितना बड़ा फासला बन चुका है।
1. केवल हथियार नहीं, अर्थव्यवस्था भी होती है युद्ध की असली ताकत
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आधुनिक युग में युद्ध सिर्फ बंदूकों से नहीं, आर्थिक शक्ति से भी लड़े जाते हैं।
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पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लंबे समय से संकट में है और IMF जैसे संगठनों के कर्ज पर निर्भर है।
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वहीं भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर, तेज़ी से बढ़ती और वैश्विक रूप से प्रभावशाली है।
2. भारत की जीडीपी, पाकिस्तान से 10 गुना बड़ी
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वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, 2023 में भारत की इकोनॉमी पाकिस्तान से 10 गुना बड़ी थी।
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प्रति व्यक्ति आय (Per Capita Income) भी भारत में पाकिस्तान की तुलना में लगभग दो गुनी है।
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1975 से ही भारत की अर्थव्यवस्था पाकिस्तान से आगे रही है, लेकिन 2000 के बाद यह अंतर और तेज़ी से बढ़ा।
3. वर्ष 2000 के बाद भारत की तेज़ आर्थिक छलांग
वर्ष | भारत बनाम पाकिस्तान (जीडीपी अनुपात) |
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2004 | 5.6 गुना |
2009 | 7.2 गुना |
2019 | 8.8 गुना |
यह आंकड़े दिखाते हैं कि भारत ने निरंतर प्रगति की, जबकि पाकिस्तान पीछे रह गया।
4. प्रति व्यक्ति आय में भारत की बढ़त
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1993 में पाकिस्तान की प्रति व्यक्ति आय भारत से 50% अधिक थी।
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2007 तक भारत ने बराबरी कर ली।
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2023 में भारत की PPP-आधारित प्रति व्यक्ति आय पाकिस्तान से लगभग दो गुनी हो चुकी है।
5. व्यापार और निर्यात में भारत की मजबूती
वर्ष | भारत का निर्यात (पाकिस्तान से तुलना) |
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1992 | 3 गुना |
2003 | 6.6 गुना |
2023 | 22 गुना |
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विदेशी व्यापार (Export + Import) में भारत अब पाकिस्तान से 17 गुना आगे है।
6. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कर्ज पर निर्भर
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पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था IMF, वर्ल्ड बैंक और अन्य एजेंसियों के कर्ज पर टिकी हुई है।
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युद्ध जैसी स्थितियों के लिए ये संस्थाएं फंड नहीं देतीं।
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विशेषज्ञों का मानना है कि कोई भी देश ऐसे राष्ट्र को आर्थिक मदद नहीं देगा जिसका भविष्य अनिश्चित और जोखिम भरा हो।
7. निष्कर्ष आर्थिक शक्ति ही असली कूटनीतिक ताकत है
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भारत आज वैश्विक आर्थिक ताकत के रूप में उभर रहा है।
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पाकिस्तान बढ़ते कर्ज, घटते उत्पादन और व्यापार में गिरावट से संघर्ष कर रहा है।
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कूटनीति और युद्ध — दोनों के पीछे असली ताकत होती है आर्थिक स्थिरता, और इस मोर्चे पर भारत पाकिस्तान से कहीं आगे है।