Indian Rail Ministry की सुरक्षा योजना Kavach Automatic Train Protection (ATP) System
हाल के रेल हादसों के बाद, भारतीय रेल मंत्रालय ने अपनी Kavach Automatic Train Protection (ATP) प्रणाली को तेज़ी से लागू करने का निर्णय लिया है। रेल मंत्रालय के अनुसार, अगले कुछ महीनों में 9,600 किलोमीटर रेलवे ट्रैक पर इस अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली को लागू करने के लिए निविदाएँ जारी की गई हैं, साथ ही 10,000 इंजनों को इस प्रणाली से लैस किया जाएगा।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की रणनीति
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हालिया दुर्घटनाओं के मद्देनज़र एक व्यापक रणनीति बनाई है, जिसमें रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, ट्रैक रखरखाव में सुधार करने और मानवीय त्रुटियों को कम करने पर विशेष जोर दिया गया है। Kavach System, जिसका Safety Integrity Level (SIL)-4 प्रमाणन है, इन प्रयासों का मुख्य हिस्सा है। यह प्रणाली ट्रेनों के बीच टकराव रोकने में सक्षम है और इस प्रकार रेलवे सुरक्षा के मानकों को ऊँचा उठाने में सहायक होगी।
Kavach का परीक्षण और प्रमाणन
अब तक, 740 किलोमीटर ट्रैक पर Kavach का सफल परीक्षण हो चुका है। इनमें मथुरा-पलवल और मथुरा-नागदा के बीच 632 किलोमीटर तथा कोटा-सवाई माधोपुर के बीच 108 किलोमीटर के ट्रैक शामिल हैं। यह प्रणाली 2016 में डिज़ाइन की गई थी और इसे 2019 में अपना पहला SIL प्रमाणन प्राप्त हुआ। जुलाई 2023 में इसे SIL-4 प्रमाणन मिला, जो इसकी सुरक्षा और प्रभावशीलता को प्रमाणित करता है।
Kavach की प्रभावशीलता और जनता का विश्वास
हाल ही की रेल दुर्घटनाओं के बावजूद, Kavach System की प्रभावशीलता पर जनता में कुछ सवाल उठे हैं। हालांकि, रेल मंत्री वैष्णव और तत्कालीन रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने 2021 में इसका सफल प्रदर्शन कर जनता का विश्वास बढ़ाने का प्रयास किया था। इस परीक्षण में, दोनों अधिकारी टकराव के रास्ते पर चल रही दो ट्रेनों में सवार हुए और Kavach के माध्यम से दुर्घटना को टाला गया।
ममता बनर्जी का टक्कर-रोधी उपकरण और Kavach
Kavach को ममता बनर्जी द्वारा पेश किए गए टक्कर-रोधी उपकरण के प्रतिस्थापन के रूप में देखा जा रहा है, जिसे 2013 में बंद कर दिया गया था। रेल मंत्री वैष्णव का मानना है कि Kavach, European Train Control System के बराबर है और यह लागत के हिसाब से किफायती भी है।
ट्रेन दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण और Kavach का समाधान
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 80% ट्रेन दुर्घटनाएँ ड्राइवर की त्रुटियों के कारण होती हैं, जबकि बाकी 20% दुर्घटनाएँ ट्रैक रखरखाव और अन्य बुनियादी ढांचे की कमियों से होती हैं। Kavach का डिज़ाइन मुख्य रूप से इन मानवीय त्रुटियों को रोकने के लिए तैयार किया गया है, जिससे दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
हाल की दुर्घटनाएँ और भविष्य की योजनाएँ
2023 में 40 ट्रेन दुर्घटनाएँ दर्ज की गईं, जबकि 2024 में अब तक 20 दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं। रेल मंत्री ने पुष्टि की है कि दुर्घटना दर को और कम करने के प्रयास जारी रहेंगे। इसके साथ ही, एक बड़ी चुनौती मवेशियों से संबंधित दुर्घटनाओं की है, जिनकी संख्या प्रतिदिन लगभग 800 तक पहुँच जाती है।
मवेशियों से संबंधित दुर्घटनाओं को रोकने के प्रयास
मंत्रालय का लक्ष्य अगले दो वर्षों में मवेशियों से संबंधित दुर्घटनाओं की संख्या को 200 तक लाना है। इसके लिए रेलवे ट्रैकों के किनारे फेंसिंग लगाने का कार्य किया जा रहा है। अहमदाबाद-मुंबई मार्ग पर यह कार्य पहले ही पूरा हो चुका है और वहाँ मवेशियों से संबंधित दुर्घटनाएँ अब नहीं हो रही हैं।
तेज़ ट्रेनें और भविष्य की सुरक्षा योजनाएँ
सरकार Vande Bharat जैसी तेज़ ट्रेनों को लॉन्च करने के लिए काम कर रही है, जिससे रेल यात्राओं को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए और भी अधिक मार्गों पर फेंसिंग की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, रेलवे की गति को बढ़ाने के प्रयासों के साथ, Kavach System रेलवे सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा .