शेयर बाजार में भारी गिरावट
पिछले कुछ दिनों से भारतीय शेयर बाजार में भारी बिकवाली का दौर चल रहा है। दिवाली के दिन मुहूर्त ट्रेडिंग में मार्केट ने मजबूत क्लोजिंग दी थी, लेकिन दिवाली के बाद पहले ही दिन मार्केट ने मात्र 15 मिनट में 1% की गिरावट दिखाई। वर्तमान में, निफ्टी और सेंसेक्स में 1.8% और 1.7% की गिरावट के साथ कारोबार हो रहा है। प्रमुख सेक्टर्स जैसे बैंकिंग, फाइनेंस, और आईटी में भी भारी बिकवाली देखने को मिल रही है।
गिरावट का कारण अमेरिकी चुनाव और फेडरल रिजर्व की बैठक
इस गिरावट का मुख्य कारण अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव और फेडरल रिजर्व की आगामी बैठक है। 5 नवंबर को अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं, जिससे निवेशक मार्केट की दिशा को लेकर संशय में हैं। इसके अतिरिक्त, 7 नवंबर को अमेरिकी फेडरल रिजर्व की पॉलिसी मीटिंग भी होने वाली है। इन दोनों घटनाओं के कारण वैश्विक और भारतीय बाजार में अनिश्चितता बढ़ गई है, जिससे निवेशक सतर्क हो गए हैं।
20 मिनट में 5 लाख करोड़ का घाटा
आज के ट्रेडिंग सेशन में सिर्फ 20 मिनट में ही निवेशकों को लगभग 5 लाख करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा है। इसके अलावा, प्रमुख कंपनियों के शेयर जैसे टीसीएस, टाटा मोटर्स, रिलायंस, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक में भारी गिरावट देखने को मिली है।
प्रमुख अपडेट्स
- बैंकिंग, फाइनेंस और आईटी सेक्टर में गिरावट इन सेक्टर्स में भारी बिकवाली के चलते भारतीय बाजार पर दबाव बना हुआ है।
- अमेरिकी चुनाव और फेडरल रिजर्व की बैठक 5 और 7 नवंबर को होने वाली इन दो महत्वपूर्ण घटनाओं के कारण वैश्विक बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है, जिसका सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर पड़ रहा है।
- दिग्गज कंपनियों के शेयरों में गिरावट टीसीएस, टाटा मोटर्स, रिलायंस, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी बैंक के शेयरों में तेज गिरावट दर्ज की गई है।
निवेशकों के लिए सुझाव
- बाजार की दिशा पर नजर रखें अमेरिकी चुनाव और फेडरल रिजर्व की बैठक का असर भारतीय बाजार पर पड़ेगा, इसलिए बाजार की चाल पर नज़र बनाए रखें।
- लॉन्ग-टर्म रणनीति अपनाएं मार्केट की अस्थिरता के बीच लंबे समय तक होल्ड करने की योजना बनाएं।
- घबराहट से बचें अचानक आई गिरावट से घबराने की बजाय समझदारी से निर्णय लें। गिरावट के समय खरीदारी का अवसर भी मिल सकता है।
निष्कर्ष
भारतीय शेयर बाजार वर्तमान में अमेरिकी चुनाव और फेडरल रिजर्व की बैठक के कारण अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा है। इस समय निवेशकों के लिए सबसे अच्छा विकल्प सतर्कता बनाए रखना है और अपने निवेश पोर्टफोलियो को जोखिम के हिसाब से संभालना है।
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