जानिए निवेश का सही समय
1. बाजार में गिरावट के बाद तेजी – निवेश का सुनहरा मौका
भारतीय शेयर बाजार ने पिछले कुछ दिनों में जो गिरावट दिखाई थी, उसके बाद अब एक बाउंस बैक देखने को मिला है। यह संकेत देता है कि बाजार धीरे-धीरे स्थिरता की ओर बढ़ रहा है। ऐसे समय में जब बाजार थोड़ी करेक्शन दे, निवेशकों के लिए यह एक अच्छा अवसर हो सकता है दीर्घकालिक निवेश का।
2. जियोपॉलिटिकल तनाव का सीमित असर
हाल ही में जम्मू-कश्मीर में हुआ आतंकी हमला और पाकिस्तान के साथ बढ़ा तनाव एक चिंता का विषय है। हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत-पाक व्यापारिक संबंध सीमित हैं, इसलिए इसका भारतीय शेयर बाजार पर बड़ा असर नहीं होगा। बाजार लंबी अवधि में ऊपर जाने की स्थिति में है।
3. क्वार्टरली रिजल्ट का प्रभाव – सही स्टॉक का चुनाव जरूरी
अभी Q4 के वित्तीय नतीजे जारी हो रहे हैं, जिससे बाजार में थोड़ी वोलैटिलिटी बनी हुई है। कुछ कंपनियों ने बेहतर प्रदर्शन किया है, जबकि कुछ के परिणाम कमजोर रहे हैं। निवेशकों को उन स्टॉक्स पर ध्यान देना चाहिए जिनके नतीजे मजबूत हैं और जो इस गिरावट में आकर्षक वैल्यूएशन पर उपलब्ध हैं।
4. वोलैटिलिटी से कैसे निपटें?
बाजार की अस्थिरता से निपटने के लिए दो रणनीतियाँ अपनाई जा सकती हैं
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हेजिंग (Hedging) जोखिम कम करने के लिए विकल्पों का प्रयोग करें।
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ट्रेलिंग स्टॉपलॉस स्विंग लो के अनुसार स्टॉपलॉस लगाएं और उसे ट्रेल करते रहें।
5. स्टॉक चयन में क्या रखें ध्यान?
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ऐसे स्टॉक्स चुनें जिनके Q4 परिणाम अच्छे रहे हों।
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जिन कंपनियों का भविष्य में ग्रोथ पॉसिबल है और जिनका मैनेजमेंट मजबूत हो।
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वैल्यू इन्वेस्टिंग के सिद्धांत पर ध्यान दें – कम दाम में अच्छे स्टॉक्स खरीदें।
6. एक्सपर्ट की राय आने वाले 12 महीने हो सकते हैं बुलिश
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले 12 महीनों में बाजार में तेज़ी देखने को मिल सकती है। यह समय है खुद को तैयार करने का – मजबूत स्टॉक्स पर नज़र रखें और रिसर्च-बेस्ड निर्णय लें।
निष्कर्ष
भारतीय शेयर बाजार धीरे-धीरे सुधार की दिशा में बढ़ रहा है। वैश्विक और घरेलू घटनाओं के बावजूद, मजबूत कंपनियों में निवेश का यह एक सही समय हो सकता है। बाजार की वोलैटिलिटी से डरने की बजाय, रणनीति के साथ काम करें और लंबी अवधि के लिए योजना बनाएं।