भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट , जानें प्रमुख कारण
3 अक्टूबर को भारतीय बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी 50 में बड़ी गिरावट दर्ज की गई, जिससे यह लगातार चौथे सत्र में नुकसान के साथ बंद हुए। बाजार में 2% से अधिक की गिरावट मुख्य रूप से Geopolitical Tensions, China Stimulus, और Rising Crude Oil Prices के चलते आई, जिससे निवेशकों में बेचैनी बढ़ गई और उन्होंने भारी मात्रा में अपनी होल्डिंग्स बेचना शुरू कर दिया।
सेंसेक्स और निफ्टी की गिरावट
- सेंसेक्स: 1,769.2 अंक या 2.1% गिरकर 82,497.10 पर बंद हुआ।
- निफ्टी 50: 529.90 अंक या 2.05% गिरकर 25,267.00 पर बंद हुआ।
- सभी 16 Sectoral Indices लाल निशान में बंद हुए, जिसमें Nifty Realty 4% से अधिक की गिरावट के साथ सबसे अधिक प्रभावित हुआ।
मुख्य कारक
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Iran-Israel Conflict
ईरान और इज़रायल के बीच बढ़ते तनाव और मिसाइल हमलों के कारण निवेशकों में वैश्विक युद्ध की आशंका बढ़ गई है, जिससे बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। -
Brent Crude Prices
कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के कारण बाजार की धारणा प्रभावित हुई है। अगर इज़रायल ईरान के तेल प्रतिष्ठानों पर हमला करता है, तो यह तेल की कीमतों में और वृद्धि का कारण बन सकता है, जो भारत जैसे तेल आयातक देशों के लिए हानिकारक होगा। -
SEBI F&O Clampdown
SEBI के नए नियमों के कारण F&O Market में ट्रेडिंग वॉल्यूम में 30-40% की गिरावट की संभावना है। इससे डेरिवेटिव्स मार्केट में लिक्विडिटी को लेकर चिंता बढ़ गई है। -
China Stimulus
चीनी शेयरों में बढ़ोतरी और स्टिमुलस पैकेज के चलते निवेशक अपने पोर्टफोलियो को चीन की ओर शिफ्ट करने की संभावना पर विचार कर रहे हैं, जिससे भारतीय इक्विटी में गिरावट आई है। -
Profit Booking
लंबे समय से चली आ रही तेजी के बाद, निवेशकों ने मुनाफावसूली (Profit Booking) शुरू कर दी, विशेष रूप से मिड-कैप और स्मॉल-कैप सेगमेंट में, जिनका मूल्यांकन पहले से ऊंचा था।
विशेषज्ञों की राय
5पैसा डॉट कॉम के लीड रिसर्चर रुचित जैन ने बताया कि बाजार पहले ही सुधार की संभावना दिखा रहा था। उन्होंने कहा कि निफ्टी ने 40 DEMA सपोर्ट के आसपास बंद किया है और RSI रीडिंग ओवरसोल्ड ज़ोन में हैं, जिससे बाजार में पुलबैक मूव की संभावना है। हालांकि, निकट अवधि में बाजार का रुझान सुधारात्मक रहेगा और पुलबैक के दौरान बिक्री का दबाव देखा जा सकता है।
व्यापारियों के लिए सलाह
व्यापारियों को सलाह दी जाती है कि वे सतर्क दृष्टिकोण अपनाएं और 25600-25700 की सीमा में रेजिस्टेंस देखें। वहीं, सपोर्ट स्तर 25085 और 24800 पर रह सकता है।