ITC और ITC होटल्स डिमर्ज
ITC लिमिटेड, एफएमसीजी सेक्टर की दिग्गज कंपनी, ने अपने होटल व्यवसाय के डिमर्ज की आधिकारिक रिकॉर्ड डेट की घोषणा कर दी है। 1 जनवरी 2025 से ITC लिमिटेड और ITC होटल्स लिमिटेड अलग-अलग इकाइयों के रूप में संचालित होंगे। इस घोषणा के बाद निवेशकों के बीच इस खबर को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
रिकॉर्ड डेट और शेयर आवंटन प्रक्रिया
- रिकॉर्ड डेट सोमवार, 6 जनवरी 2025
- शेयर आवंटन अनुपात ITC के प्रत्येक 10 शेयर्स के बदले ITC होटल्स का 1 शेयर।
- हिस्सेदारी विभाजन
- ITC लिमिटेड के पास ITC होटल्स लिमिटेड का 40% स्वामित्व रहेगा।
- बाकी 60% हिस्सेदारी सीधे ITC के शेयरधारकों को मिलेगी।
डिमर्ज का बैकग्राउंड
1. एनसीएलटी की मंजूरी
- अक्टूबर 2024 में, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की कोलकाता बेंच ने ITC लिमिटेड और ITC होटल्स के डिमर्ज को मंजूरी दी।
- 16 दिसंबर 2024 को NCLT का आदेश ITC को प्राप्त हुआ।
2. शेयरधारकों की सहमति
- जून 2024 में, ITC के शेयरधारकों ने डिमर्ज के पक्ष में भारी बहुमत से मतदान किया।
- इस फैसले से होटल व्यवसाय एक स्वतंत्र इकाई के रूप में काम करेगा, जिससे दोनों कंपनियों को अपने-अपने व्यवसाय पर अधिक ध्यान केंद्रित करने का मौका मिलेगा।
डिमर्ज के बाद ITC होटल्स की स्थिति
- ITC होटल्स लिमिटेड का स्वतंत्र रूप से शेयर बाजार में लिस्टिंग होगी।
- ITC होटल्स के शेयरधारकों को नई इकाई में सीधे हिस्सेदारी मिलेगी।
लाभ
- ITC लिमिटेड
- एफएमसीजी, कृषि व्यवसाय, और अन्य प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर सकेगी।
- ITC होटल्स
- स्वतंत्र कंपनी के रूप में होटल व्यवसाय का विस्तार और प्रबंधन बेहतर तरीके से होगा।
डिमर्ज का शेयर बाजार पर प्रभाव
- ITC शेयरधारकों के लिए यह डिमर्ज एक सकारात्मक कदम हो सकता है।
- शेयरधारकों को ITC होटल्स में सीधे हिस्सेदारी मिलने से उनके पोर्टफोलियो में विविधता आएगी।
- ITC लिमिटेड की 40% हिस्सेदारी के साथ, होटल व्यवसाय पर कंपनी की पकड़ बनी रहेगी।
आपको ITC और ITC होटल्स के डिमर्ज का यह फैसला कैसा लगा? हमें कमेंट बॉक्स में बताएं।