जनवरी 2025 में खुदरा महंगाई में गिरावट
- जनवरी 2025 में महंगाई दर 4.31%
- दिसंबर 2024 में महंगाई दर 5.22%
- यह गिरावट पिछले 5 महीनों में सबसे बड़ी है और यह दर्शाती है कि महंगाई पर नियंत्रण की दिशा में सही प्रयास हो रहे हैं।
RBI की ब्याज दर कटौती और प्रभाव
- RBI ने हाल ही में पॉलिसी रेट घटाया
- 6.5% से 6.25% किया गया।
- इससे लोन और वित्तीय उत्पादों की दरें घटीं।
- ब्याज दरों में कटौती से उपभोक्ता खर्च बढ़ा, जिससे आर्थिक विकास को समर्थन मिला।
महंगाई का आगे का अनुमान
अवधि | अनुमानित महंगाई दर (%) |
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Q4FY25 (जन-मार्च) | 4.4% |
Q1FY26 (अप्रैल-जून) | 4.5% |
Q2FY26 (जुलाई-सितंबर) | 4.0% |
Q3FY26 (अक्टूबर-दिसंबर) | 3.8% |
- अगर यह ट्रेंड जारी रहा, तो महंगाई RBI के 4% लक्ष्य के करीब आ सकती है।
महंगाई में गिरावट के कारण
- RBI की ब्याज दर कटौती – इससे बाजार में लिक्विडिटी बढ़ी और कीमतों पर नियंत्रण हुआ।
- वैश्विक कमोडिटी कीमतों में गिरावट – कच्चे तेल और अन्य वस्तुओं के सस्ते होने से महंगाई घटी।
- सरकारी नीतियां – आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर सरकारी नियंत्रण ने महंगाई को कम करने में मदद की।
महंगाई और 4% लक्ष्य अब तक की स्थिति
- 2016 में RBI ने 4% का महंगाई लक्ष्य रखा था।
- पिछले 102 महीनों में केवल 13 बार ही महंगाई 4% के करीब रही।
- अब तक लगातार दो महीनों तक यह स्तर बरकरार नहीं रह पाया है।
चुनौतियां और आगे का रास्ता
- महंगाई को 4% के करीब बनाए रखना एक चुनौती।
- आर्थिक विकास को संतुलित रखना जरूरी – ब्याज दरें कम होने से ग्रोथ तो बढ़ेगी, लेकिन इससे महंगाई फिर बढ़ सकती है।
- वैश्विक अनिश्चितताएं – कच्चे तेल की कीमतों और अंतरराष्ट्रीय बाजार का भारतीय महंगाई पर असर रहेगा।