ब्लैक रॉक

ब्लैक रॉक के सीईओ लैरी फिंक की चेतावनी शेयर बाजार में 20% गिरावट संभव

ब्लैक रॉक के सीईओ लैरी फिंक की चेतावनी

टैरिफ वार और मंदी की आशंका के बीच ब्लैक रॉक प्रमुख लैरी फिंक ने दी चेतावनी शेयर बाजार में 20% गिरावट संभव

वैश्विक शेयर बाजारों में लगातार उठापटक देखी जा रही है। अमेरिका और चीन के बीच चल रही टैरिफ वॉर के कारण निवेशकों की चिंता बढ़ती जा रही है। ऐसे माहौल में, दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी ब्लैक रॉक के चेयरमैन और सीईओ लैरी फिंक ने एक गंभीर चेतावनी दी है।

उनका मानना है कि मौजूदा वैश्विक स्थितियों को देखते हुए शेयर बाजार में 20% तक की गिरावट से इनकार नहीं किया जा सकता।

ब्लैक रॉक

लैरी फिंक जिनकी भविष्यवाणियों ने पहले भी दुनिया को चौंकाया

लैरी फिंक को दुनियाभर में उनकी दूरदर्शिता और वित्तीय नेतृत्व के लिए जाना जाता है। 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट से पहले उन्होंने संभावित मंदी की चेतावनी दी थी — जो बाद में सच साबित हुई।

अपने करियर की शुरुआत 1976 में न्यूयॉर्क स्थित निवेश बैंक फर्स्ट बोस्टन कॉरपोरेशन से करने वाले लैरी फिंक जल्द ही बांड विभाग के प्रमुख बन गए। उन्होंने अमेरिका में मॉर्टगेज-बैक्ड सिक्योरिटीज को आकार देने में भी अहम भूमिका निभाई।

इतना ही नहीं, वह फर्स्ट बोस्टन के सबसे कम उम्र के मैनेजिंग डायरेक्टर और मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य भी बने थे।

ब्लैक रॉक

ब्लैक रॉक दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी

1994 में ब्लैक स्टोन से अलग होकर बनी ब्लैक रॉक आज 100 से अधिक देशों में निवेश प्रबंधन और वित्तीय सलाह देने वाली प्रमुख कंपनी है। दिसंबर 2024 तक ब्लैक रॉक के पास करीब $11 ट्रिलियन की संपत्तियों का प्रबंधन है।

भारत में एक बार फिर होगी ब्लैक रॉक की एंट्री

ब्लैक रॉक वर्ष 2018 में भारत से बाहर चली गई थी, लेकिन अब वह दोबारा भारत के फाइनेंशियल सेक्टर में प्रवेश कर रही है। इस बार कंपनी भारत की दिग्गज फर्म जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के साथ मिलकर एक जॉइंट वेंचर शुरू करने वाली है।

यह साझेदारी भारत में ब्लैक रॉक की पकड़ मजबूत करेगी और साथ ही निवेशकों को उच्च स्तरीय सेवाएं प्रदान करने में मददगार साबित होगी।

निष्कर्ष

लैरी फिंक की चेतावनी को हल्के में नहीं लिया जा सकता। उनके पास वित्तीय बाजारों की गहरी समझ है और इतिहास गवाह है कि उनकी भविष्यवाणियां पहले भी सटीक रही हैं। ऐसे में निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए, विशेषकर ऐसे समय में जब वैश्विक आर्थिक संकेतक अनिश्चितता की ओर इशारा कर रहे हैं।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *