लॉन्ग टर्म और शार्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स क्या होता है
शेयर बाजार में निवेश के दौरान होने वाले लाभ पर टैक्स देना अनिवार्य है, और यह टैक्स निवेश की अवधि पर निर्भर करता है। LTCG टैक्स (Long Term Capital Gain Tax) और STCG टैक्स (Short Term Capital Gain Tax) निवेश की अवधि के आधार पर लगने वाले प्रमुख टैक्स हैं।
1. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स
LTCG टैक्स उन लाभों पर लागू होता है जो आप लंबी अवधि (1 वर्ष से अधिक) के निवेश से कमाते हैं। भारत में, अगर आप शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं और इसे 1 साल से ज्यादा समय तक रखते हैं, तो इससे होने वाला लाभ लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन माना जाता है।
LTCG टैक्स दर
- 1 लाख रुपये तक के लाभ पर कोई टैक्स नहीं।
- 1 लाख रुपये से अधिक के लाभ पर 10% टैक्स।
उदाहरण यदि आपने 2 साल के निवेश पर 1.5 लाख रुपये का लाभ कमाया, तो पहले 1 लाख रुपये टैक्स-मुक्त होंगे। शेष 50,000 रुपये पर 10% की दर से 5,000 रुपये LTCG टैक्स लगेगा।
2. शार्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स
STCG टैक्स उन लाभों पर लागू होता है जो आप कम अवधि (1 साल से कम) के निवेश से कमाते हैं। अगर आपने किसी शेयर में 1 साल से कम समय के लिए निवेश किया और मुनाफा कमाया, तो उसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा।
STCG टैक्स दर
- 1 साल से कम अवधि के निवेश पर 15% टैक्स।
उदाहरण अगर आपने 6 महीने के निवेश पर 1 लाख रुपये का लाभ कमाया, तो आपको 15% की दर से 15,000 रुपये STCG टैक्स देना होगा।
लॉन्ग टर्म और शार्ट टर्म के बीच मुख्य अंतर
- समय सीमा LTCG टैक्स 1 साल से अधिक अवधि के निवेश पर लागू होता है, जबकि STCG टैक्स 1 साल से कम अवधि के निवेश पर।
- कर की दर LTCG पर 10% टैक्स लगता है, जबकि STCG पर 15% टैक्स लगता है।
- टैक्स छूट LTCG में 1 लाख रुपये तक की छूट मिलती है, जबकि STCG में कोई छूट नहीं है।
निष्कर्ष
LTCG और STCG टैक्स दोनों ही आपके निवेश की अवधि और लाभ पर निर्भर करते हैं। सही टैक्स योजना और निवेश की अवधि के माध्यम से आप अपने टैक्स को कम कर सकते हैं और अपने लाभ को अधिकतम कर सकते हैं। निवेश करने से पहले अपने टैक्स दायित्वों को समझना और विशेषज्ञ से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।