Manappuram Finance में 15% की गिरावट
18 अक्टूबर को, Manappuram Finance के शेयरों में लगभग 15% की गिरावट देखी गई। इसका मुख्य कारण भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा कंपनी की सहायक इकाई Ashirwad Microfinance और अन्य गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को ऋण देने से रोकने का आदेश था। इस कदम से बाजार में हलचल मच गई, और निवेशकों के बीच चिंता बढ़ी।
RBI की कार्रवाई और ब्रोकरेज फर्मों के डाउन्ग्रेड्स
RBI ने इन एनबीएफसी की Pricing Policies पर सवाल उठाए, जो नियामक नियमों का उल्लंघन कर रही थीं। इसके परिणामस्वरूप, कई प्रमुख ब्रोकरेज फर्मों ने Manappuram Finance की रेटिंग घटा दी:
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Jefferies ने मणप्पुरम को ‘Hold’ की रेटिंग दी और कहा कि RBI के प्रतिबंधों से कंपनी की आय प्रभावित हो सकती है। आशीर्वाद माइक्रोफाइनेंस को पूंजी जुटाने की आवश्यकता हो सकती है, यदि इसकी Net Worth कम हो जाती है।
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Bank of America ने ‘Buy’ रेटिंग को बनाए रखा, लेकिन लक्ष्य मूल्य को घटाकर ₹220 प्रति शेयर कर दिया।
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Morgan Stanley ने मणप्पुरम को ‘Equal Weight’ में डाउनग्रेड कर दिया और लक्ष्य मूल्य ₹170 प्रति शेयर रखा। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए कंपनी की समेकित आय में 30% की कटौती की है।
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JP Morgan ने भी मणप्पुरम के बॉन्ड्स पर अपनी रेटिंग घटाई, यह चेतावनी दी कि RBI की कार्रवाई से कंपनी के Funding Access और उधारी लागत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
Ashirwad Microfinance की प्रतिक्रिया
Ashirwad Microfinance ने RBI की प्रतिक्रिया को स्वीकार किया और कहा कि वे सुधारात्मक कदम उठाने के लिए तत्पर हैं। कंपनी ने इस मुद्दे को अपने बोर्ड के सामने पेश किया है और इस पर चर्चा के लिए एक तत्काल बैठक बुलाई गई है।
पहले की RBI कार्रवाई
यह पहली बार नहीं है जब Manappuram Finance को भारतीय रिजर्व बैंक के दबाव का सामना करना पड़ा है। मई 2023 में, RBI ने Muthoot Finance सहित अन्य गोल्ड फाइनेंसरों को ₹20,000 से अधिक के कैश लोन डिस्बर्समेंट को सीमित करने का निर्देश दिया था।
निवेशक चिंताएँ और बाजार प्रभाव
इस ताजा घटना ने निवेशकों के बीच चिंताएँ पैदा कर दी हैं। NBFC सेक्टर पर RBI की कड़ी निगरानी भविष्य में इस सेक्टर के लिए और अधिक चुनौतियाँ उत्पन्न कर सकती है।