Market Crash सेंसेक्स 1000 अंकों से अधिक गिरा, निफ्टी 23,100 के नीचे
सोमवार, 13 जनवरी 2025 को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई।
- BSE सेंसेक्स 1,000 अंकों से अधिक टूटकर 76,330.01 पर बंद हुआ।
- वहीं, NSE निफ्टी 345.55 अंक की गिरावट के साथ 23,085.95 पर आ गया।
यह गिरावट वैश्विक बाजारों में कमजोरी, विदेशी निवेशकों की बिकवाली, और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के चलते आई।
Investors’ Wealth ₹12.39 लाख करोड़ का नुकसान
आज के भारी उतार-चढ़ाव के कारण निवेशकों को ₹12.39 लाख करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा।
- BSE में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन घटकर ₹417.28 लाख करोड़ हो गया, जो पिछले कारोबारी दिन ₹429.67 लाख करोड़ था।
- यह गिरावट निवेशकों की धारणा पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है।
Sectoral Performance सभी सेक्टर्स में गिरावट
आज के कारोबार में सभी प्रमुख सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में रहे।
- Realty Index सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ, जिसमें 6.5% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई।
- Industrial, Utilities, Power, और Services सेक्टर्स में 4% से अधिक का नुकसान हुआ।
- Banking और IT सेक्टर ने भी 2-3% तक की गिरावट दर्ज की।
Top Losers in Sensex Zomato सबसे ज्यादा गिरा
सेंसेक्स के 30 में से 26 शेयर लाल निशान में बंद हुए।
Top Losers
- Zomato 6.52% गिरावट
- Power Grid 4.09% गिरावट
- Adani Ports 3.87% गिरावट
- Tata Steel 3.49% गिरावट
- NTPC 3.23% गिरावट
Top Gainers in Sensex सिर्फ 4 शेयर बढ़त में
आज के गिरते बाजार में केवल 4 स्टॉक्स ने बढ़त दर्ज की।
Top Gainers
- Axis Bank 0.78% की तेजी
- TCS 0.62% की बढ़त
- IndusInd Bank 0.45% की तेजी
- HUL 0.03% की मामूली बढ़त
Market Crash के पीछे मुख्य कारण
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Global Weakness
- वैश्विक बाजारों में कमजोरी के चलते भारतीय बाजार पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
- अमेरिकी बाजार में शुक्रवार को भारी गिरावट देखी गई थी, जिसका असर आज भारतीय बाजार में देखने को मिला।
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Foreign Institutional Investors (FII) की बिकवाली
- 10 जनवरी 2025 तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से लगभग ₹22,000 करोड़ के शेयर बेचे हैं।
- कच्चे तेल की कीमतों और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी से FIIs ने बिकवाली जारी रखी।
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Crude Oil Prices में तेजी
- Brent Crude की कीमतें 81 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच चुकी हैं, जो 3 महीने के उच्चतम स्तर पर है।
- कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से आयात लागत बढ़ने की आशंका है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ता है।
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Rupee Depreciation
- डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया गिरकर ₹86 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया।
- कमजोर रुपया विदेशी निवेश के आकर्षण को कम करता है।