भारतीय शेयर बाजार में 5 महीने की गिरावट
भारतीय शेयर बाजार में पिछले 5 महीनों से भारी गिरावट देखने को मिल रही है, जिससे निवेशकों के पोर्टफोलियो पर भी नकारात्मक असर पड़ा है। हालांकि, इसके बावजूद कई ब्लू-चिप स्टॉक्स 5 साल के औसत PE Ratio से ऊपर ट्रेड कर रहे हैं, जो यह संकेत देता है कि बाजार पूरी तरह से सस्ता नहीं हुआ है।
60% स्टॉक्स अभी भी ओवरवैल्यूड
निफ्टी 500 इंडेक्स के 60% स्टॉक्स अभी भी अपने पिछले 5 साल के औसत PE Ratio से ऊपर ट्रेड कर रहे हैं। इनमें Reliance Industries, Infosys, HDFC Bank जैसे दिग्गज स्टॉक्स शामिल हैं।
PE Ratio (Price to Earnings Ratio) एक महत्वपूर्ण वैल्यूएशन मैट्रिक है, जो किसी कंपनी के स्टॉक की कीमत को उसकी प्रति शेयर आय (Earnings Per Share – EPS) से तुलना करता है। जब कोई स्टॉक अपने औसत PE Ratio से ऊपर ट्रेड करता है, तो उसे महंगा (Overvalued) माना जाता है।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली बनी गिरावट की वजह
- FII (Foreign Institutional Investors) द्वारा भारी बिकवाली के चलते बाजार में गिरावट देखी गई।
- विदेशी निवेशकों ने भारत से पैसा निकालकर अमेरिका और चीन के शेयर बाजारों में निवेश किया।
- घरेलू निवेशकों (DII) ने लगातार खरीदारी जारी रखी, जिससे बाजार पूरी तरह से नहीं गिरा।
क्या मार्केट ओवरवैल्यूड है या इनवेस्ट करने का मौका?
नकारात्मक संकेत
- विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी है।
- वैश्विक अनिश्चितताओं और ब्याज दरों में बढ़ोतरी की चिंता बनी हुई है।
- कई स्टॉक्स अभी भी महंगे हैं।
सकारात्मक संकेत
- घरेलू निवेशक मार्केट में भरोसा दिखा रहे हैं।
- लंबी अवधि के लिए निवेश करने वालों के लिए कुछ अच्छे मौके बन सकते हैं।
- बाजार में कई अच्छे स्टॉक्स डिस्काउंट पर मिल सकते हैं।
क्या आपको लगता है कि बाजार अभी भी महंगा है या इनवेस्ट करने का सही समय है? कमेंट करें और अपनी राय दें!