Bulls Control सेंसेक्स और निफ्टी में तेज़ी की वापसी

Bulls Control सेंसेक्स और निफ्टी में तेज़ी की वापसी

Bulls Control सेंसेक्स और निफ्टी में तेज़ी की वापसी

19 नवंबर को सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट के बाद तेज़ रिकवरी देखी गई। इस उछाल का श्रेय ओवरसोल्ड ज़ोन से बाउंसबैक, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) की खरीदारी और सरकारी कंपनियों के शेयरों में आई मजबूती को दिया जा रहा है।

1) ओवरसोल्ड ज़ोन से बाउंसबैक

पिछले कुछ सत्रों में निफ्टी का रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) 30 से नीचे चला गया था, जो एक ओवरसोल्ड स्थिति को दर्शाता है।

एक्सिस सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड अक्षय चिंचालकर के अनुसार:

“ऐसी परिस्थितियों में शॉर्ट-टर्म बाउंसबैक की संभावना बढ़ जाती है।”

हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि बाजार का आउटलुक निकट भविष्य में सतर्क रहेगा। इसके कारण:

  • वैल्यूएशन अभी भी ऊंचे हैं।
  • विदेशी निवेशकों (FIIs) की बिकवाली जारी है।
  • कॉर्पोरेट आय में धीमापन है।

सुविलो इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के को-फाउंडर संदीप अग्रवाल ने कहा

“हालांकि तुरंत बड़ी रिकवरी की संभावना कम है, लेकिन बाजार की बड़ी गिरावट अब पीछे छूट चुकी है।”

2) FII बनाम DII खरीदारी का प्रभाव

सोमवार को

  • FIIs ने ₹1,403.40 करोड़ की बिकवाली की।
  • DIIs ने ₹2,330.56 करोड़ की खरीदारी की।

FIIs बनाम DIIs खरीदारी का ट्रेंड

  • 2024 में अब तक FIIs ने ₹2.84 लाख करोड़ के शेयर बेचे हैं।
  • इसके विपरीत, DIIs ने ₹5.54 लाख करोड़ की शुद्ध खरीदारी की है।

क्या है मुख्य अंतर?

DIIs की खरीदारी FIIs की बिकवाली को संतुलित कर रही है। यह पहली बार है जब DIIs की खरीदारी FIIs की बिकवाली से दोगुनी रही।

3) सरकारी कंपनियों के शेयरों में उछाल

निफ्टी PSE इंडेक्स, जो भारत की 20 राज्य-नियंत्रित कंपनियों का सूचकांक है, 2.11% चढ़ा।

  • सभी घटक कंपनियों में बढ़त देखने को मिली।
  • मजबूत वैश्विक संकेतों और वैल्यू-बाइंग ने इस तेजी को समर्थन दिया।

विश्लेषकों का दृष्टिकोण

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि

  1. यह तेजी शॉर्ट-टर्म बाउंसबैक हो सकती है।
  2. बाजार में बड़ी रिकवरी के लिए अभी समय लगेगा।
  3. उच्च वैल्यूएशन और धीमे आय दौर के चलते निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए।

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