मैरिड कपल्स के लिए ज्वाइंट टैक्स

मैरिड कपल्स के लिए ज्वाइंट टैक्स फाइलिंग एक नया सुझाव

मैरिड कपल्स के लिए ज्वाइंट टैक्स फाइलिंग एक नया सुझाव

Institute of Chartered Accountants of India (ICAI) ने मैरिड कपल्स को ज्वाइंट टैक्स फाइलिंग की सुविधा देने की सलाह दी है। इस सिस्टम के तहत पति-पत्नी एक single taxable unit के रूप में income tax return फाइल कर सकेंगे। यह सुविधा अमेरिका और इंग्लैंड जैसे देशों में पहले से उपलब्ध है। इस सुझाव से बड़ी संख्या में टैक्सपेयर्स को फायदा हो सकता है।

मैरिड कपल्स के लिए ज्वाइंट टैक्स

वर्तमान स्थिति

वर्तमान में ऐसे परिवार, जिनमें पति और पत्नी दोनों कमाते हैं, उन्हें अलग-अलग income tax returns फाइल करनी पड़ती है। इससे न केवल समय खर्च होता है, बल्कि कई बार अतिरिक्त कंप्लायंस का बोझ भी बढ़ता है।

दोनों विकल्प होने चाहिए

चार्टर्ड अकाउंटेंट चिराग चौहान ने इस विषय पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया है। उन्होंने कहा, “ICAI ने मैरिड कपल्स के लिए ज्वाइंट इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का सुझाव दिया है।” टैक्स एक्सपर्ट्स का मानना है कि कपल्स को joint या separate returns फाइल करने का विकल्प दिया जाना चाहिए। इससे न केवल परिवारों की टैक्स लायबिलिटी कम होगी, बल्कि compliance में भी सुधार होगा और समय की बचत होगी।

ज्वाइंट टैक्स स्लैब का सुझाव

मैरिड कपल्स के लिए joint tax filing की सुविधा शुरू करने के साथ, उनके लिए अलग tax slabs की व्यवस्था की जा सकती है।

  • ₹6 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री।

  • ₹6-14 लाख 5% टैक्स।

  • ₹14-20 लाख 10% टैक्स।

  • ₹20-24 लाख 15% टैक्स।

  • ₹24-30 लाख 20% टैक्स।

  • ₹30 लाख से ऊपर 30% टैक्स।

इससे परिवारों की कुल tax liability में कमी आएगी और वे अपनी इनकम को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर पाएंगे।

मैरिड कपल्स के लिए ज्वाइंट टैक्स

भारत में यह सिस्टम लागू करना कितना संभव?

हालांकि यह सिस्टम अमेरिका जैसे देशों में सफल है, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसे भारत में तुरंत लागू करना चुनौतीपूर्ण होगा।

  1. इसके लिए Income Tax Act में संशोधन करना होगा।

  2. Tax slabs, rates, deductions, और exemptions के नियमों में बदलाव करना होगा।

  3. टैक्स रिफॉर्म के तहत इसे लागू करने के लिए सरकार को पर्याप्त समय और तैयारी की जरूरत होगी।

सरकार का रुख

सरकार इनकम टैक्स के नियमों को सरल बनाने और टैक्सपेयर्स का दायरा बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। यह सुझाव इस प्रक्रिया का हिस्सा बन सकता है।

  • Compliance बढ़ेगा ज्वाइंट टैक्स फाइलिंग से टैक्स भरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।

  • Government revenue बढ़ेगा अधिक लोग टैक्स नेट में आएंगे, जिससे टैक्स रेवेन्यू में वृद्धि होगी।

निष्कर्ष

अगर यह सिस्टम लागू होता है, तो यह टैक्सपेयर्स के लिए एक बड़ी राहत होगी। इसके जरिए परिवारों की tax management में आसानी होगी और सरकार को अधिक revenue प्राप्त होगा। हालांकि, इसे लागू करने में समय और तैयारी की आवश्यकता है।

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