Mutual Funds में Low-Volatility Funds की बढ़ती लोकप्रियता
Mutual Funds, खासकर Low-Volatility Funds, मौजूदा बाजार के उतार-चढ़ाव में निवेशकों के लिए भरोसेमंद विकल्प बन रहे हैं। ये फंड स्थिर रिटर्न और जोखिम प्रबंधन के लिए जाने जाते हैं।
Low-Volatility Funds का प्रदर्शन
ICICI Prudential AMC के चिंतन हरिया के अनुसार, Low-Volatility Funds ने कठिन बाजार स्थितियों में बेहतर लचीलापन दिखाया है।
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FY23
- Nifty 50 TRI -0.6%
- Nifty 100 Low Volatility 30 TRI +3.8%
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2018-2019 Concentrated Rally
- Low-Volatility Index 4.9%
- Nifty 50 TRI 6.8%
बाजार रिकवरी के दौरान क्या करें?
हरिया ने सुझाव दिया कि बाजार के उछाल के दौरान Low-Volatility Funds से बाहर निकलना सही रणनीति नहीं है। लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए ये फंड Risk-Adjusted Returns प्रदान करते हैं।
अन्य स्मार्ट बीटा स्ट्रैटेजीज़
- Momentum Funds Uptrend का लाभ।
- Quality Funds मजबूत कंपनियों पर फोकस।
- Value Funds अंडरवैल्यूड स्टॉक्स में निवेश।
लॉन्ग-टर्म परफॉर्मेंस
पिछले 10 वर्षों में इन फंड्स का CAGR:
- Nifty 100 Low Volatility 30 TRI 15.65%
- Nifty 100 TRI 13.99%
- Nifty 50 TRI 13.45%
अलोकेशन सुझाव
- Conservative Investors Equity Portfolio का 30%-50%।
- Aggressive Investors 10%-20%।
Low-Volatility Funds एक Diversified Portfolio के लिए नींव बन सकते हैं।
निष्कर्ष
Low-Volatility Funds उन निवेशकों के लिए आदर्श हैं, जो स्थिरता और लॉन्ग-टर्म रिटर्न चाहते हैं। हालांकि, तेज बाजार उछाल के दौरान उनकी रिटर्न क्षमता सीमित हो सकती है, लेकिन उनका लचीलापन और मजबूत प्रदर्शन उन्हें एक बेहतर विकल्प बनाता है।