Mutual Funds ने घटाई Adani Group में दिलचस्पी
अप्रैल 2025 में म्यूचुअल फंड्स ने Adani Group की 8 लिस्टेड कंपनियों में से 7 में अपनी हिस्सेदारी घटा दी है। इन कंपनियों से कुल मिलाकर ₹1,160 करोड़ से अधिक की बिकवाली की गई है। इस ट्रेंड से संकेत मिलता है कि म्यूचुअल फंड मैनेजर Adani Group को लेकर अभी भी सतर्क रुख अपनाए हुए हैं।
सबसे ज़्यादा बिकवाली Adani Enterprises में
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Adani Enterprises ₹346 करोड़ की हिस्सेदारी घटाई गई, जो सबसे ज़्यादा है।
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Adani Energy Solutions ₹302 करोड़ की बिकवाली।
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Ambuja Cements ₹241 करोड़ की हिस्सेदारी कम की गई।
अन्य कंपनियों में भी घटा निवेश
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ACC ₹124 करोड़ की बिक्री।
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Adani Ports and SEZ ₹7.7 करोड़ की बिक्री।
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Adani Total Gas ₹3.43 करोड़ की बिक्री।
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Adani Power एकमात्र कंपनी रही जहां ₹102 करोड़ का नया निवेश हुआ।
पिछले महीनों में भी जारी था ट्रेंड
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मार्च 2025 म्यूचुअल फंड्स ने Adani Green Energy को छोड़कर बाकी सभी Adani कंपनियों से exit किया।
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फरवरी 2025 ₹321 करोड़ की हिस्सेदारी घटाई गई थी।
एक्सपर्ट्स की राय सतर्कता का मुख्य कारण
विशेषज्ञों के अनुसार, केवल बाज़ार की अस्थिरता नहीं, बल्कि कई गहरी चिंताएं भी इस बिकवाली के पीछे हैं:
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Governance Concerns प्रबंधन से जुड़ी पारदर्शिता को लेकर लगातार सवाल।
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Valuation Pressure Adani कंपनियां अन्य कंपनियों की तुलना में बहुत ऊंचे P/E Multiple पर ट्रेड कर रही हैं।
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Regulatory Scrutiny सरकार और नियामकों की बढ़ती निगरानी।
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Sectoral Risk कुछ सेक्टर्स जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर और एनर्जी में उच्च जोखिम।
निवेश रणनीति में बदलाव
फंड मैनेजर्स अब उन शेयरों को प्राथमिकता दे रहे हैं
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जिनमें कम जोखिम (Low Risk) है।
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जहां earnings clarity ज़्यादा है।
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और जो मौजूदा अनिश्चित ग्लोबल माहौल में स्थिर प्रदर्शन दे सकते हैं।
निष्कर्ष
Mutual Funds का Adani Group से लगातार बाहर निकलना दर्शाता है कि संस्थागत निवेशक इस समूह को लेकर अभी भी सतर्क हैं। यदि यह ट्रेंड जारी रहता है, तो Adani कंपनियों के शेयरों में मध्यम अवधि की अस्थिरता देखी जा सकती है।