Nasdaq 24x5 ट्रेडिंग

Nasdaq 24×5 ट्रेडिंग की तैयारी में, 2026 से शुरू हो सकती है 24 घंटे ट्रेडिंग!

Nasdaq 24×5 ट्रेडिंग 2026 में आ सकती है बड़ी क्रांति

अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज Nasdaq 2026 में 24 घंटे ट्रेडिंग शुरू करने की योजना बना रहा है। यह बदलाव global investors की मांग को देखते हुए किया जा रहा है, जिससे स्टॉक मार्केट को अधिक liquidity मिलेगी और ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ेगा।

Nasdaq 24x5 ट्रेडिंग

Nasdaq के 24×5 ट्रेडिंग प्लान की मुख्य बातें

सप्ताह में 5 दिन 24 घंटे ट्रेडिंग
2026 की दूसरी छमाही में संभावित लॉन्च
Market liquidity और investor participation बढ़ाने पर फोकस
SEC (Securities and Exchange Commission) से अप्रूवल की प्रक्रिया शुरू
Cboe Global Markets और Intercontinental Exchange (ICE) भी इस योजना में शामिल

24 घंटे ट्रेडिंग से क्या होंगे फायदे?

Nasdaq 24x5 ट्रेडिंग

Global Investors को फायदा अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को अमेरिकी बाजार में ट्रेडिंग का ज्यादा अवसर मिलेगा।
मार्केट में हाई लिक्विडिटी मार्केट में अधिक ट्रेडिंग होने से liquidity बढ़ेगी और कीमतों में स्थिरता आएगी।
After-Hours Trading का विस्तार वर्तमान में कुछ प्लेटफॉर्म Charles Schwab और Robinhood जैसी कंपनियों के जरिए 24 घंटे ट्रेडिंग की सुविधा दे रहे हैं, लेकिन Nasdaq इसे मुख्यधारा में ला सकता है।
Fair Pricing लगातार ट्रेडिंग के कारण स्टॉक्स की कीमतों में भारी अंतर (gap up/gap down) की संभावना कम हो सकती है।

चुनौतियाँ और संभावित दिक्कतें

Liquidity का मुद्दा 24 घंटे ट्रेडिंग तभी सफल होगी जब पर्याप्त ट्रेडिंग वॉल्यूम बना रहेगा।
Volatility का असर लगातार खुले रहने से बाजार में अस्थिरता बढ़ सकती है।
Regulatory Approval SEC की मंजूरी और अन्य नियम-कानूनों का पालन एक बड़ी चुनौती हो सकता है।
बड़े स्टॉक्स पर फोकस यह सुविधा शुरुआती दौर में Large Market Cap Stocks तक ही सीमित रह सकती है।

क्या 24×5 ट्रेडिंग मॉडल स्टॉक मार्केट के लिए क्रांतिकारी होगा?

अगर Nasdaq की यह योजना सफल होती है, तो यह global stock markets के लिए एक नया युग साबित हो सकता है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि SEC की मंजूरी मिलती है या नहीं और क्या अन्य एक्सचेंज भी इस मॉडल को अपनाते हैं।

आपकी राय क्या है?

क्या 24 घंटे ट्रेडिंग से स्टॉक मार्केट को फायदा होगा या यह अस्थिरता बढ़ाएगा?
क्या भारतीय बाजार को भी ऐसा मॉडल अपनाना चाहिए?

हमें कमेंट में बताएं और इस खबर को शेयर करें! 

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