निवेश रणनीति इक्विटी बनाम गोल्ड
भारतीय शेयर बाजार में निफ्टी 22,000 से 23,000 के बीच उतार-चढ़ाव का सामना कर रहा है। विशेषज्ञ इसे ‘सांप और सीढ़ी’ गेम से तुलना कर रहे हैं, जहां निवेशक तेजी से ऊपर जाते हैं लेकिन अचानक गिरावट का सामना भी कर सकते हैं।
कोटक अल्टरनेट एसेट मैनेजर्स की सीईओ—इनवेस्टमेंट एंड स्ट्रैटेजी लक्ष्मी अय्यर का मानना है कि निवेशकों को एक एसेट क्लास से पूरी तरह बाहर नहीं निकलना चाहिए और एक संतुलित पोर्टफोलियो रखना जरूरी है।
2025 बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा
- 2025 में बाजार उतार-चढ़ाव भरा रहेगा, जहां एक पल में तेजी और अगले ही पल गिरावट संभव है।
- इक्विटी, गोल्ड और फिक्स्ड इनकम—तीनों का संतुलित मिश्रण जरूरी है।
लक्ष्मी अय्यर ने बताया कि शेयर बाजार की स्थिति बॉलीवुड फिल्मों जैसी है। एक समय बाजार शानदार रिटर्न देता है, फिर अचानक गिरावट आती है और उसके बाद नई संभावनाएं उभरती हैं।
इक्विटी बनाम अन्य एसेट क्लास—कहां करें निवेश?
एसेट क्लास | विशेषज्ञ की राय |
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इक्विटी (शेयर बाजार) | 100 रुपये को 200 रुपये बनाने का प्रभावी तरीका, लेकिन जोखिम भी अधिक है। |
सोना | इस समय अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन केवल इस पर निर्भर रहना सही नहीं। |
फिक्स्ड इनकम (FD, बॉन्ड्स) | धीमी लेकिन स्थिर वृद्धि देता है और लंबे समय में उपयोगी साबित हो सकता है। |
क्या करें निवेशक? (सही रणनीति)
- पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखें और केवल इक्विटी या सोने पर निर्भर न रहें।
- शॉर्ट टर्म उतार-चढ़ाव को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है, धैर्य रखना जरूरी है।
- फिक्स्ड इनकम को नजरअंदाज न करें, यह स्थिर रिटर्न दे सकता है।
2025 में निवेश की योजना सोच-समझकर बनाएं और संतुलित पोर्टफोलियो के साथ आगे बढ़ें।