Nifty and Sensex ने रची नई ऊंचाई: रक्षात्मक शेयरों की महत्वपूर्ण भूमिका
भारतीय शेयर बाजार में हाल ही में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला, जब सेंसेक्स पहली बार 83,000 और निफ्टी 50 ने 25,400 का आंकड़ा पार किया। इस ऐतिहासिक उपलब्धि में फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG), सूचना प्रौद्योगिकी (IT), और फार्मा जैसे रक्षात्मक शेयरों का अहम योगदान रहा।
रैली में रक्षात्मक शेयरों का योगदान
यह रैली पिछली रैलियों से काफी अलग रही। जहाँ पहले PSU (पब्लिक सेक्टर यूनिट) शेयरों में तेजी देखी गई थी, इस बार उनकी जगह रक्षात्मक शेयरों ने ली। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज (KIE) के अनुसार, हालिया सुधारों के बाद निवेशकों की रुचि रक्षात्मक शेयरों की ओर बढ़ी है।
FMCG, IT और फार्मा सेक्टर ने बाजार को संभालने में अहम भूमिका निभाई, क्योंकि निवेशकों ने सुरक्षित विकल्पों की तलाश शुरू कर दी।
PSU शेयरों में गिरावट
पिछले सप्ताह PSU शेयरों में तेजी धीमी हो गई, जिससे बीएसई पीएसयू इंडेक्स 4% तक गिर गया। इसके विपरीत, बीएसई FMCG और हेल्थकेयर इंडेक्स में लगभग 2% की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
KIE ने यह भी बताया कि वैश्विक अनिश्चितताओं, जैसे अमेरिका में मंदी की आशंका और चीन की आर्थिक नीतियों की स्थिरता के चलते निवेशकों ने जोखिम-रहित निवेश को प्राथमिकता दी है।
उच्च मूल्यांकन और सावधानी की आवश्यकता
हालांकि रक्षात्मक शेयरों की मांग बढ़ रही है, लेकिन KIE ने चेतावनी दी है कि इन शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन के कारण निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो निर्माण में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
वर्तमान में उपभोक्ता स्टेपल्स और आईटी सेवाओं में सुधार की उम्मीद की जा रही है, लेकिन वास्तविक सुधार का समय आना अभी बाकी है।
PSU सेक्टर में जोखिम
PSU सेक्टर के बारे में KIE ने कहा है कि कई स्टॉक्स अवास्तविक उम्मीदों पर आधारित हैं और इनका भविष्य अनिश्चित हो सकता है। बुनियादी फंडामेंटल्स से कटे हुए ये स्टॉक्स आने वाले समय में निवेशकों के लिए जोखिमपूर्ण साबित हो सकते हैं।
निष्कर्ष
भारतीय शेयर बाजार में सेंसेक्स और निफ्टी की नई ऊंचाई ने एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है, जिसमें रक्षात्मक शेयरों ने अहम भूमिका निभाई है। हालांकि, बढ़ते मूल्यांकन और PSU शेयरों में संभावित गिरावट को देखते हुए निवेशकों को सावधानीपूर्वक अपने निवेश के फैसले लेने चाहिए।