Nifty और Bank Nifty का ट्रेंड मई 2025 में
1. निफ्टी का ओवरऑल ट्रेंड बुलिश बना हुआ है
वेव्स स्ट्रैटेजी एडवाइजर्स के अशिष क्याल का कहना है कि जब तक वैश्विक स्तर पर कोई बड़ा बदलाव नहीं होता, तब तक निफ्टी का ट्रेंड मजबूत बना रहेगा। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि 23,200 के आसपास का सपोर्ट लेवल बरकरार रहता है, तो बाजार में होने वाला कोई भी करेक्शन हेल्दी माना जाएगा और यह अगले तेजी के चरण की नींव रखेगा।
2. क्या दिसंबर का स्विंग हाई पार करना मुश्किल होगा?
अशिष क्याल के अनुसार, ट्रंप द्वारा टैरिफ की घोषणा के बाद भी निफ्टी ने 21,743 से तेज़ रिकवरी दिखाई है और सिर्फ 7 ट्रेडिंग सेशंस में 24,000 के ऊपर पहुंच गया। फिलहाल यह 24,460 और 23,840 के बीच कंसॉलिडेट कर रहा है, जो दर्शाता है कि बाजार नई तेजी के लिए ऊर्जा एकत्र कर रहा है।
3. क्या अब दूसरी तेजी की लहर शुरू होगी?
उनका मानना है कि यदि निफ्टी 24,460 के ऊपर क्लोजिंग देता है तो यह दूसरी तेजी की लहर की पुष्टि होगी। इसके बाद इंडेक्स पहले 24,728 (Gann level) और फिर 25,000 के साइकोलॉजिकल लेवल की ओर बढ़ सकता है। हालांकि, अगर निफ्टी 23,840 के नीचे जाता है, तो शॉर्ट टर्म में दबाव आ सकता है, लेकिन लंबी अवधि में ट्रेंड अब भी पॉजिटिव बना रहेगा।
4. “Sell in May” इस बार शायद न लागू हो
“Sell in May and go away” जैसी कहावतें आमतौर पर तब लागू होती हैं जब बाजार में अधिकतर तेजी के बाद कमजोरी आती है। लेकिन इस बार निवेशकों में अभी भी अनिश्चितता है और कई लोग पोजिशनल साइडलाइन में हैं। जब तक 23,200 का सपोर्ट लेवल नहीं टूटता, बाजार की गिरावट भी अगली तेजी का संकेत मानी जाएगी।
5. Bank Nifty में मुनाफावसूली की संभावना
अप्रैल महीने में Bank Nifty में करीब 7,000 अंकों की जोरदार तेजी देखने को मिली और इंडेक्स 56,098 तक पहुंच गया। इतनी बड़ी और एकतरफा तेजी के बाद अब इसमें कंसॉलिडेशन या प्रॉफिट बुकिंग देखने को मिल सकती है। वर्तमान में यह 54,170 से 56,100 के बीच रेंज-बाउंड बना हुआ है। यदि यह 56,100 के ऊपर निकलता है तभी एक नई तेजी की शुरुआत संभव है।
निष्कर्ष
मई 2025 के पहले सप्ताह में Nifty और Bank Nifty दोनों ही बुलिश ट्रेंड में दिखाई दे रहे हैं। टेक्निकल एनालिसिस संकेत दे रहा है कि 23,200 के नीचे गिरावट न आने तक बाजार में तेजी की संभावना बनी हुई है। निवेशकों को आने वाले दिनों में प्रमुख सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल्स पर ध्यान देने की आवश्यकता है।