विदेशी यूज़र्स के लिए NSE और BSE ब्लॉक
भारत के दो सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज—नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE)—ने विदेशों से अपनी वेबसाइट्स तक पहुंच को अस्थायी रूप से ब्लॉक कर दिया है। यह कदम संभावित साइबर खतरों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
Reuters की रिपोर्ट के मुताबिक, यह निर्णय विदेशी निवेशकों की भारत में ट्रेडिंग को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं करेगा।
1. साइबर थ्रेट को लेकर हुई जॉइंट मीटिंग
मंगलवार को NSE और BSE के अधिकारियों की संयुक्त बैठक हुई, जिसमें बढ़ते साइबर खतरों पर चर्चा की गई। इस बैठक के बाद यह फैसला लिया गया कि कुछ विदेशी लोकेशनों से वेबसाइट एक्सेस को अस्थायी रूप से रोका जाए, ताकि किसी भी संभावित खतरे से बचा जा सके।
2. भारत-पाक तनाव के बीच एहतियाती कदम
यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। हालाँकि यह स्पष्ट नहीं किया गया कि यह साइबर खतरा हाल की किसी घटना से जुड़ा है या नहीं, लेकिन माहौल की संवेदनशीलता को देखते हुए यह कदम पूरी तरह एहतियातन लिया गया है।
3. BSE का आधिकारिक बयान सुरक्षा सर्वोपरि
BSE के प्रवक्ता ने बताया
“BSE एक महत्त्वपूर्ण Market Infrastructure Institution (MII) है और साइबर सुरक्षा के मद्देनज़र हम लगातार निगरानी करते हैं। इसी निगरानी के आधार पर कुछ स्थानों से एक्सेस को रोकना पड़ा है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि आवश्यकतानुसार मामला-दर-मामला आधार पर वेबसाइट एक्सेस की अनुमति दी जा रही है।
4. ऑपरेशन सिंदूर आतंकियों के खिलाफ भारत का जवाब
इस पूरे घटनाक्रम के समानांतर, भारतीय सेना ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया। इस ऑपरेशन के तहत PoK (पाक अधिकृत कश्मीर) और पाकिस्तान में स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के 9 ठिकानों पर मिसाइल हमले किए गए।
पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे।
5. शेयर बाजार की प्रतिक्रिया उतार-चढ़ाव के बीच स्थिरता
7 मई, बुधवार को इस घटनाक्रम का असर भारतीय शेयर बाजारों पर भी देखने को मिला।
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Sensex ने दिन में 80,844.63 का उच्च और 79,937.48 का निम्न स्तर छुआ।
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Nifty ने 24,449.60 का हाई और 24,220 का लो टच किया।
हालांकि शुरुआती वोलैटिलिटी के बाद बाजार सीमित दायरे में स्थिर होता गया।
निष्कर्ष
NSE और BSE का यह कदम सुरक्षा के लिहाज़ से जरूरी था और फिलहाल भारतीय शेयर बाजार सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। वहीं, भारत की जवाबी कार्रवाई और मार्केट की स्थिति यह दिखाती है कि देश आर्थिक और रणनीतिक दोनों मोर्चों पर सतर्क है।