NSE ने फ्यूचर एंड ऑप्शन सेगमेंट में जोड़े 45 नए स्टॉक
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने अपने फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) सेगमेंट में 45 नए स्टॉक्स जोड़ने का ऐलान किया है। ये बदलाव 29 नवंबर 2024 से लागू होंगे। इन नए स्टॉक्स में प्रमुख नाम शामिल हैं:
- जियो फाइनेंशियल सर्विसेज
- जोमैटो
- भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC)
- डी मार्ट
- अदानी ग्रीन
NSE ने 13 नवंबर 2024 को एक सर्कुलर जारी कर इसकी जानकारी दी। इस सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि मार्केट लॉट, स्ट्राइक की स्कीम्स, और फीस लिमिट पर विस्तृत विवरण 28 नवंबर को जारी किया जाएगा।
NSE दुनिया का अग्रणी डेरिवेटिव एक्सचेंज
NSE न केवल भारत बल्कि दुनिया के प्रमुख डेरिवेटिव एक्सचेंजों में से एक है। इसकी लोकप्रियता का मुख्य कारण है:
- इंडेक्स ऑप्शन की लोकप्रियता
NSE के डेरिवेटिव टर्नओवर का लगभग 98% हिस्सा इंडेक्स ऑप्शंस का है। - एवरेज डेली ट्रेडिंग वॉल्यूम (Q2FY25)
- इक्विटी फ्यूचर्स ₹2 लाख करोड़ (सालाना 64% वृद्धि)।
- इक्विटी ऑप्शंस ₹65,000 करोड़ (सालाना 8% वृद्धि)।
Futures और Options क्या है अंतर?
Futures
Futures ट्रेडिंग में खरीदार और विक्रेता किसी निश्चित तिथि पर, एक निश्चित मूल्य पर, खरीदने या बेचने के लिए सहमत होते हैं।
Options
Options ट्रेडिंग में खरीदार को
- अधिकार (Right) किसी निश्चित तिथि या मूल्य पर खरीदने/बेचने का।
- दायित्व (Obligation नहीं) खरीदने या बेचने की बाध्यता नहीं होती।
यदि खरीदार अपने Option का उपयोग करता है, तो विक्रेता को डील पूरी करनी होती है।
Options ट्रेडिंग ज्यादा जोखिम या ज्यादा लाभ?
Options ट्रेडिंग, नियमित स्टॉक ट्रेडिंग की तुलना में अधिक जोखिम भरी होती है, लेकिन यह कम निवेश पर बड़े लाभ की संभावना भी प्रदान करती है।
निष्कर्ष
NSE का यह कदम भारतीय डेरिवेटिव बाजार को और मजबूत बनाएगा। नए स्टॉक्स का जुड़ना निवेशकों और ट्रेडर्स दोनों के लिए नए अवसर प्रस्तुत करेगा। हालाँकि, Futures और Options सेगमेंट में ट्रेडिंग करते समय जोखिमों का ध्यान रखना जरूरी है।
सलाह
इस क्षेत्र में निवेश से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें और अपनी जोखिम क्षमता के अनुसार ही कदम उठाएँ।