तेल की कीमतों का असर
शेयर बाजार का प्रदर्शन कई कारकों पर निर्भर करता है, जिनमें तेल की कीमतें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से न केवल वैश्विक और घरेलू बाजारों पर असर पड़ता है, बल्कि यह व्यक्तिगत निवेशकों के पोर्टफोलियो को भी प्रभावित कर सकता है।
तेल की कीमतों का ऐतिहासिक प्रभाव
1973 का तेल संकट
1973-74 में तेल की कीमतों में तेज वृद्धि ने वैश्विक मंदी को जन्म दिया। यह संकट आर्थिक स्थिरता और शेयर बाजार दोनों के लिए घातक साबित हुआ।
2020 का तेल संकट
वायरस महामारी के दौरान, मांग में भारी गिरावट के कारण अप्रैल 2020 में तेल की कीमतें नकारात्मक स्तर तक पहुंच गईं। हालांकि, बड़े सूचकांकों (जैसे NASDAQ) पर इसका असर सीमित रहा।
तेल की कीमतों का शेयर बाजार पर प्रभाव
बड़े सूचकांक पर सीमित प्रभाव
तेल की कीमतों में बदलाव का बड़े इंडेक्स जैसे NIFTY 50, SENSEX और NASDAQ पर सीमित असर पड़ता है क्योंकि इन सूचकांकों में तेल आधारित कंपनियों का योगदान कम है।
व्यक्तिगत कंपनियों पर प्रभाव
तेल की कीमतें विशेष रूप से उन कंपनियों को प्रभावित करती हैं जिनकी लागत संरचना में तेल का प्रमुख योगदान है।
तेल की कीमतों का कंपनियों और पोर्टफोलियो पर प्रभाव
1. इनपुट लागत में वृद्धि
तेल की कीमतें बढ़ने से उत्पादन लागत बढ़ती है, जिससे कंपनियों का लाभ घटता है।
- उदाहरण परिवहन, पेंट और केमिकल कंपनियां।
2. चालू खाता घाटा (CAD)
- हर $10 की तेल कीमत वृद्धि से भारत का CAD 0.55% तक बढ़ जाता है।
- रुपये का अवमूल्यन और आयात महंगा हो जाता है।
3. परिवहन लागत और लाभ मार्जिन
तेल की बढ़ती कीमतें परिवहन लागत बढ़ाती हैं, जो लॉजिस्टिक्स और एयरलाइंस सेक्टर के मुनाफे को प्रभावित करती हैं।
4. मुद्रास्फीति में वृद्धि
- तेल की कीमतों में $10 की बढ़ोतरी से CPI 0.3% बढ़ता है।
- बढ़ती मुद्रास्फीति से निवेशकों का विश्वास कमजोर होता है।
निवेशकों के लिए सावधानियां
- तेल पर निर्भर सेक्टर्स का विश्लेषण करें
- एयरलाइंस, रिफाइनरी, पेंट, और लॉजिस्टिक्स सेक्टर।
- तेल संकट से बचाव
- इन कंपनियों में निवेश करते समय तेल की कीमतों के ऐतिहासिक रुझानों का ध्यान रखें।
- विविधता अपनाएं
- पोर्टफोलियो में विविधता लाने से जोखिम को कम किया जा सकता है।
निष्कर्ष क्या करें?
तेल की कीमतें आर्थिक स्थिरता और उद्योगों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती हैं। हालांकि बड़े सूचकांक इससे अप्रभावित रहते हैं, लेकिन व्यक्तिगत कंपनियों और सेक्टरों पर इसका असर गहरा हो सकता है।
निवेशकों को सुझाव
तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए अपने निवेश पोर्टफोलियो की योजना बनाएं