Ola share fall and controversy analysis , ओला के शेयर में गिरावट और विवाद विश्लेषण
हाल ही में, ओला को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उसके शेयरों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है, और कंपनी को लेकर नकारात्मक खबरें सामने आ रही हैं। खासकर, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण द्वारा जारी किया गया नोटिस, जिसमें ओला पर भ्रामक विज्ञापन और अनुचित व्यापार प्रथाओं के आरोप लगे हैं, ने निवेशकों के बीच बेचैनी बढ़ा दी है।
ओला के शेयर की गिरावट
सोमवार को ओला के शेयर में लगभग 6% की गिरावट आई और फिलहाल यह ₹92 पर ट्रेड कर रहा है। यह गिरावट उसके ऑल-टाइम हाई ₹157.5 से करीब 43% नीचे आ चुकी है। इसका मतलब यह है कि ओला अपने IPO मूल्य ₹76 के करीब पहुंचने वाला है। इसके साथ ही, ओला का नेट लॉस 347 करोड़ रुपये है, जो कि पिछले साल की समान अवधि में 267 करोड़ रुपये था।
कंपनी का मार्केट कैप लगभग 40,000 करोड़ रुपये है, और इसकी बुक वैल्यू 33.52 है। ओला के शेयर ने पिछले एक हफ्ते में 8% और एक महीने में 16% की गिरावट दर्ज की है।
भविश अग्रवाल और कुणाल कामरा के बीच विवाद
सोमवार को, ओला के संस्थापक और सीईओ भविश अग्रवाल और कॉमेडियन कुणाल कामरा के बीच एक सोशल मीडिया पर बहस हुई। कामरा ने ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर की धूल से ढकी तस्वीर पोस्ट करते हुए केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को टैग कर पूछा कि क्या भारतीय इस तरह के उत्पाद का इस्तेमाल करेंगे। इसके बाद, उन्होंने उपभोक्ता मामले विभाग से भी प्रतिक्रिया मांगी।
इस पर भविश अग्रवाल ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर कामरा को इतनी चिंता है, तो वे आकर मदद करें और इसके लिए वे उन्हें उनके असफल कॉमेडी करियर से ज्यादा पैसे देंगे।
क्या हो सकता है ओला के लिए आगे का रास्ता?
ओला की मौजूदा स्थिति को देखते हुए, निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा सकती है। कंपनी को न केवल अपने नेट लॉस को नियंत्रित करने की जरूरत है, बल्कि उसे अपने ब्रांड छवि को भी सुधारने की आवश्यकता है। इसके साथ ही, यह देखना होगा कि कंपनी भविष्य में किस तरह की रणनीतियाँ अपनाती है, खासकर इस विवाद के बाद।
आपकी राय: क्या आपको लगता है कि ओला इस गिरावट से उबर पाएगी, या निवेशकों के लिए यह अभी भी जोखिम भरा है? हमें कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर बताएं।