Operation Sindoor

Operation Sindoor के बाद भी स्थिर रहा शेयर बाजार

Operation Sindoor के बाद भी स्थिर रहा शेयर बाजार

1. सैन्य कार्रवाई के बाद भी बाजार रहा शांत

7 मई 2025 को भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई कार्रवाई के बावजूद भारतीय शेयर बाजार ने स्थिरता दिखाई। दोपहर 2:44 बजे तक सेंसेक्स 100 अंकों की बढ़त के साथ 80,740 पर पहुंचा, वहीं निफ्टी में भी 40 अंकों की मजबूती देखी गई।

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2. VIX में गिरावट डर नहीं, स्थिरता का संकेत

बाजार के डर को मापने वाला इंडेक्स Volatility Index (VIX) भी गिरावट में रहा।
जब VIX नीचे आता है, तो इसका मतलब है कि बाजार में घबराहट कम है और निवेशकों का भरोसा बना हुआ है।

हालांकि कुछ निवेशकों में चिंता है कि अगर पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई करता है, तो हालात तनावपूर्ण हो सकते हैं।

3. विशेषज्ञों की राय घबराएं नहीं, सोच-समझकर निर्णय लें

Money Mantra के संस्थापक विरल भट्ट के अनुसार, ऐसे घटनाक्रमों के बाद बाजार में अल्पकालिक उतार-चढ़ाव होना स्वाभाविक है, लेकिन मध्यम और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से बाजार सकारात्मक रुख बनाए रखता है।

4. इतिहास से सबक बाजार की तेज़ रिकवरी

ऐतिहासिक घटनाएं बताती हैं कि 1999 करगिल युद्ध और 2019 बालाकोट एयरस्ट्राइक के दौरान बाजार में गिरावट जरूर आई थी, लेकिन कुछ ही हफ्तों में बाजार ने वापसी की।

भट्ट मानते हैं कि भू-राजनीतिक तनावों का लंबी अवधि में बाजार पर बहुत सीमित असर होता है।

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5. निवेशकों के लिए रणनीतिक सुझाव

भावनाओं में नहीं, रणनीति में भरोसा रखें

निवेशकों को चाहिए कि वे घबराने की बजाय इन बिंदुओं पर ध्यान दें:

  • अपने एसेट एलोकेशन की समीक्षा करें

  • डायवर्सिफिकेशन बनाए रखें

  • अपने फाइनेंशियल गोल्स पर फोकस करें

  • घबराहट में कोई भी निवेश निर्णय न लें

6. युद्ध की आशंका कम Kotak Mutual Fund की रिपोर्ट

Kotak Mutual Fund की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार की कार्रवाई साफ संकेत देती है कि यह सिर्फ सीमित कार्रवाई थी और किसी पूर्ण युद्ध की संभावना बेहद कम है।

भारत पहले भी चार युद्धों का सामना कर चुका है और हर बार भारतीय शेयर बाजार ने शुरुआती गिरावट के बाद तेज़ रिकवरी दिखाई है।

7. अब निवेशकों को क्या करना चाहिए?

MyWealthGrowth के Co-Founder हर्ष छेड़तवाला और Kotak MF की सलाह के अनुसार:

  • यदि आपका निवेश उद्देश्य 6–12 महीने का है, तो धीरे-धीरे प्रॉफिट बुकिंग करें

  • अगर नजरिया लॉन्ग टर्म का है, तो SIP और इक्विटी निवेश को जारी रखें

  • खबरों के डर में आकर कोई भी निर्णय लेने से बचें

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