ओवरनाइट म्यूचुअल फंड स्कीम्स
ओवरनाइट म्यूचुअल फंड स्कीम्स क्या हैं?
ओवरनाइट म्यूचुअल फंड स्कीम्स डेट म्यूचुअल फंड की एक खास कैटेगरी है, जो केवल 1 दिन की मैच्योरिटी वाली सिक्योरिटीज में निवेश करती है। ये फंड्स बहुत कम जोखिम और उच्च तरलता (Liquidity) प्रदान करते हैं, जिससे ये अल्पकालिक निवेश के लिए एक बेहतरीन विकल्प माने जाते हैं।
सेबी का नया प्रस्ताव क्या है?
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने ओवरनाइट म्यूचुअल फंड स्कीम्स (MFOS) की खरीद और बिक्री के लिए नेट एसेट वैल्यू (NAV) तय करने के कट-ऑफ समय को बदलने का सुझाव दिया है।
वर्तमान नियम
फिलहाल, ओवरनाइट स्कीम्स में निवेश और रिडेम्प्शन के लिए कट-ऑफ समय 3 बजे है।
प्रस्तावित बदलाव
SEBI ने इसे बढ़ाकर शाम 7 बजे करने का प्रस्ताव दिया है।
बदलाव के लाभ
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बेहतर निर्णय लेने की सुविधा म्यूचुअल फंड कंपनियों को यूनिट की खरीद और बिक्री के लिए ज्यादा समय मिलेगा, जिससे वे बेहतर निवेश निर्णय ले सकेंगी।
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निवेशकों के लिए संभावित लाभ विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव से ओवरनाइट स्कीम्स में रिटर्न की संभावना बढ़ सकती है।
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स्टॉक ब्रोकर्स और क्लियरिंग सदस्यों को लाभ स्टॉक ब्रोकर्स और क्लियरिंग सदस्य, बाजार बंद होने के बाद भी, यूनिट्स को अन-प्लेज कर सकेंगे और फंड कंपनियों को निर्णय लेने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
MFOS में निवेश से जुड़ी अन्य जानकारी
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क्लाइंट फंड के लिए नया विकल्प ओवरनाइट स्कीम्स स्टॉक ब्रोकर्स और क्लियरिंग सदस्यों के लिए क्लाइंट फंड का निवेश करने का एक नया और सुरक्षित विकल्प हैं।
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डीमैट रूप में अनिवार्यता ऐसी योजनाओं की यूनिट्स का डीमैट फॉर्म में होना आवश्यक है।
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गिरवी रखना जरूरी इन यूनिट्स को हर समय क्लियरिंग कॉरपोरेशन के पास गिरवी रखना आवश्यक है।
निष्कर्ष
सेबी का यह प्रस्ताव निवेशकों और म्यूचुअल फंड कंपनियों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। बेहतर निर्णय लेने और ज्यादा समय मिलने से न केवल फंड मैनेजमेंट में सुधार होगा, बल्कि निवेशकों को भी कम जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।