जानिए एक्टिव और पैसिव इन्वेस्टिंग क्या होता है

जानिए एक्टिव और पैसिव इन्वेस्टिंग क्या होता है, निवेश कौन सी रणनीति आपके लिए सही है?

एक्टिव और पैसिव इन्वेस्टिंग क्या होता है

निवेश की दुनिया में दो प्रमुख रणनीतियाँ होती हैं निष्क्रिय (Passive) निवेश और सक्रिय (Active) निवेश। दोनों का उद्देश्य निवेशकों को लाभ पहुंचाना है, लेकिन इनकी प्रक्रिया और दृष्टिकोण में काफी अंतर होता है। आइए, इन दोनों को विस्तार से समझें:

पैसिव इन्वेस्टिंग

जानिए एक्टिव और पैसिव इन्वेस्टिंग क्या होता है

निष्क्रिय निवेश का उद्देश्य दीर्घकालिक लाभ प्राप्त करना होता है, जहाँ निवेशक बाजार या किसी इंडेक्स (जैसे निफ्टी 50 या सेंसेक्स) के प्रदर्शन को ट्रैक करते हैं। इसमें शेयरों की बार-बार खरीद-बिक्री की बजाय, निवेशक इंडेक्स फंड या एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) में निवेश करते हैं और बाजार के साथ चलने की कोशिश करते हैं।

विशेषताएँ

  • कम लागत  लेन-देन की कमी से मैनेजमेंट फीस और अन्य खर्चे कम होते हैं।
  • लंबी अवधि के लिए उपयुक्त दीर्घकालिक निवेश के लिए बेहतर, जहाँ बाजार के उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज किया जा सकता है।
  • इंडेक्स को ट्रैक करना इसका उद्देश्य बाजार के प्रदर्शन को फॉलो करना होता है।
  • कम जोखिम व्यक्तिगत स्टॉक्स के चयन के जोखिम को कम करता है।

उदाहरण

  • इंडेक्स फंड्स निफ्टी 50 या सेंसेक्स इंडेक्स में निवेश।
  • ETF जो किसी विशेष इंडेक्स को ट्रैक करते हैं।

लाभ

  • कम फीस और खर्च।
  • लगातार ट्रेडिंग की जरूरत नहीं।
  • दीर्घकालिक स्थिरता के लिए उपयुक्त।

हानि

  • सीमित मुनाफे की संभावना।
  • तेजी से बढ़ते बाजार में कम मुनाफा।

एक्टिव इन्वेस्टिंग 

एक्टिव इन्वेस्टिंग 

सक्रिय निवेश का लक्ष्य बाजार से बेहतर रिटर्न पाना होता है। इसमें निवेशक या पोर्टफोलियो मैनेजर लगातार बाजार का विश्लेषण करते हैं, स्टॉक्स चुनते हैं, और बाजार की अस्थिरता का लाभ उठाने का प्रयास करते हैं।

विशेषताएँ

  • उच्च लागत  अधिक लेन-देन और रिसर्च के कारण मैनेजमेंट फीस अधिक होती है।
  • लघु अवधि के लिए बाजार के छोटे रुझानों से लाभ कमाने का प्रयास।
  • बाजार को मात देने का उद्देश्य अधिक रिटर्न की चाह।
  • उच्च जोखिम गलत निर्णय से नुकसान का खतरा।

उदाहरण

  • म्यूचुअल फंड्स सक्रिय रूप से प्रबंधित फंड्स।
  • स्टॉक ट्रेडिंग लगातार खरीद-बिक्री करने वाले निवेशक।

लाभ

  • बाजार से बेहतर प्रदर्शन की संभावना।
  • तात्कालिक बाजार अवसरों से लाभ।

हानि

  • उच्च मैनेजमेंट फीस।
  • ज्यादा जोखिम और दीर्घकालिक स्थिरता की कमी।

निष्कर्ष 

निष्क्रिय (Passive) निवेश उन निवेशकों के लिए अनुकूल है जो कम जोखिम और कम लागत के साथ दीर्घकालिक रिटर्न चाहते हैं। यह रणनीति समय के साथ स्थिर मुनाफा दे सकती है, लेकिन इसमें बाजार से अधिक मुनाफा कमाने की संभावना कम होती है।
सक्रिय (Active) निवेश उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो बाजार के रुझानों का विश्लेषण करके बाजार से बेहतर रिटर्न कमाना चाहते हैं। इसमें ज्यादा लाभ की संभावना होती है, लेकिन उच्च जोखिम और खर्च भी जुड़े होते हैं।
निवेशकों को अपनी जोखिम क्षमता, समयावधि और लक्ष्य के अनुसार इनमें से किसी एक या दोनों का चयन करना चाहिए।

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