Prosus का भारत में निवेश 50 अरब डॉलर तक पहुंचेगा
Prosus के CEO Fabrício Bloisi ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कंपनी अगले कुछ वर्षों में भारत में अपने निवेश को 50 अरब डॉलर के आंकड़े तक पहुंचाने की योजना बना रही है। यह Prosus के मौजूदा भारतीय निवेश पोर्टफोलियो के मुकाबले करीब 5 गुना वृद्धि होगी।
“तीन साल से ज़्यादा इंतज़ार नहीं करेंगे” – CEO Bloisi
Moneycontrol को दिए गए इंटरव्यू में Bloisi ने कहा
“हम भारत में कई और बिलियन डॉलर का निवेश करने जा रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि Prosus का भारत में निवेश 50 अरब डॉलर के वैल्यूएशन तक पहुंचे। यह एक विशाल और संभावनाओं से भरा बाजार है, जिसे हमें exponential mindset के साथ देखना होगा।”
Bloisi ने यह भी जोड़ा कि इस लक्ष्य को हासिल करने में तीन साल से ज्यादा का समय लगना, उनके हिसाब से बहुत देर हो जाएगी।
फिलहाल Prosus का भारत में निवेश कितना है?
Prosus का मौजूदा निवेश पोर्टफोलियो 10 अरब डॉलर से थोड़ा कम है। अब तक कंपनी ने भारत में 8.6 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है।
निवेश किए गए प्रमुख भारतीय स्टार्टअप्स
-
Swiggy
-
Meesho
-
Rapido
-
PayU
-
Urban Company
-
PharmEasy
-
Eruditus
-
BlueStone
इन स्टार्टअप्स में निवेश कर Prosus ने भारत के तेज़ी से बढ़ते डिजिटल इकोसिस्टम में एक मजबूत पकड़ बना ली है।
Swiggy IPO से Prosus को बड़ा भरोसा
Prosus के लिए सबसे प्रमुख माइलस्टोन है Swiggy का आगामी IPO। Bloisi ने बताया कि Prosus की Swiggy में 31% हिस्सेदारी है, जिसमें कंपनी ने अब तक लगभग 1.3 अरब डॉलर का निवेश किया है।
Swiggy IPO के बाद इस हिस्सेदारी का वैल्यूएशन 2.8 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। इससे Prosus को एक मजबूत रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट (ROI) मिलने की उम्मीद है।
भारत में Prosus की Long-Term Strategy
Bloisi ने यह भी स्पष्ट किया कि Prosus भारत में लंबी अवधि की रणनीति के तहत काम कर रही है। उनका कहना है:
“हम जल्दबाजी में अपने निवेश से बाहर नहीं निकल रहे हैं। भारत में अब भी अपार ग्रोथ की संभावना है और हम इसे पूरी तरह से कैश करना चाहते हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि Prosus इस साल लगभग 5 कंपनियों के IPOs लाने की योजना में है, जिससे भारत में इसकी स्थिति और मजबूत होगी।
निष्कर्ष भारत Prosus के लिए बना है अगला बड़ा Growth Hub
Fabrício Bloisi का विज़न यह स्पष्ट करता है कि Prosus भारत को सिर्फ एक बाजार नहीं, बल्कि एक लंबी अवधि के रणनीतिक भागीदार की तरह देख रहा है। उनकी कंपनी भारत में केवल पूंजी नहीं ला रही, बल्कि इनोवेशन और स्केलेबिलिटी की नई दिशा तय कर रही है।