आरबीआई मौद्रिक नीति बैठक 6 दिसंबर रेपो रेट पर फैसला?

आरबीआई मौद्रिक नीति बैठक 6 दिसंबर रेपो रेट पर फैसला?

आरबीआई मौद्रिक नीति बैठक 6 दिसंबर रेपो रेट पर फैसला?

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 4 से 6 दिसंबर तक चल रही है। यह बैठक भारतीय बाजार और अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, खासकर मौजूदा उच्च महंगाई और कमजोर GDP वृद्धि के बीच।

आरबीआई मौद्रिक नीति बैठक 6 दिसंबर रेपो रेट पर फैसला?

वर्तमान आर्थिक स्थिति पर नजर

  1. महंगाई दर
    • मौजूदा महंगाई दर 4% से ऊपर बनी हुई है।
    • खाद्य महंगाई में कमी की संभावना खरीफ और रबी फसलों के बेहतर उत्पादन के कारण है।
  2. GDP ग्रोथ
    • सितंबर तिमाही में GDP वृद्धि दर घटकर 5.4% रह गई है।
    • यह पिछले 7 महीनों का सबसे निचला स्तर है, जो चिंताजनक है।
  3. रेपो रेट इतिहास
    • मार्च 2022 से फरवरी 2023 तक, रेपो रेट में 250 बेसिस पॉइंट की वृद्धि हुई।
    • वर्तमान रेपो रेट: 6.50%

विशेषज्ञों का क्या कहना है?

आरबीआई मौद्रिक नीति बैठक 6 दिसंबर रेपो रेट पर फैसला?

महंगाई और रेपो रेट पर विचार

  • D.K. जोशी (इकोनॉमिस्ट)
    • आरबीआई का मुख्य ध्यान महंगाई को 4% से नीचे लाने पर होगा।
    • ब्याज दरों को फिलहाल स्थिर रखा जा सकता है।
  • Nomura (ब्रोकरेज फर्म)
    • 6 दिसंबर को होने वाली बैठक में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट कटौती हो सकती है।
    • 2025 के मध्य तक रेपो रेट में कुल 100 बेसिस पॉइंट की कटौती संभावित है।
    • रेपो रेट 6.25% तक आ सकता है और 2025 में यह 5.5% तक पहुंच सकता है।

RBI की प्राथमिकताएं और संभावित नीतियां

आरबीआई मौद्रिक नीति बैठक 6 दिसंबर रेपो रेट पर फैसला?

  1. महंगाई नियंत्रण
    RBI का लक्ष्य महंगाई को 4% के आसपास स्थिर रखना है।
  2. आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन
    कमजोर GDP वृद्धि को संभालने के लिए ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है।
  3. ब्याज दर स्थिरता
    रेपो रेट को स्थिर रखते हुए बाजार की स्थिरता बनाए रखने की कोशिश हो सकती है।

पिछले रेपो रेट बदलाव का ट्रेंड

तारीख रेपो रेट बदलाव
मार्च 2022 4.00%
फरवरी 2023 6.50% +250 बेसिस पॉइंट
अनुमान (दिसंबर 2024) 6.25% -25 बेसिस पॉइंट

मार्केट का दृष्टिकोण

आरबीआई के निर्णय पर बाजार की प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण होगी।

  1. रेपो रेट कटौती
    • अगर रेपो रेट में कटौती होती है, तो बैंकिंग और रियल एस्टेट सेक्टर को फायदा हो सकता है।
  2. महंगाई नियंत्रण पर ध्यान
    • महंगाई दर में कमी से उपभोक्ता मांग में सुधार हो सकता है।

नोट: किसी भी आर्थिक निर्णय से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें।

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