Rupee Falls Sharply 61 पैसे की गिरावट, 86.61 पर बंद
सोमवार, 13 जनवरी 2025 को भारतीय रुपया 61 पैसे टूटकर 86.61 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। पिछले सत्र में यह 85.97 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। बढ़ती तेल कीमतों, मजबूत अमेरिकी डॉलर, और ग्लोबल अनिश्चितताओं के कारण रुपये में यह गिरावट आई है।
रुपये की गिरावट के मुख्य कारण
1. कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें
- रूस पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद कच्चे तेल की कीमतें बढ़कर 81 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चली गई हैं।
- भारत एक प्रमुख आयातक होने के कारण बढ़े हुए आयात बिल से रुपये पर दबाव बढ़ा है।
- एलकेपी सिक्योरिटीज के वीपी रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी के अनुसार, यदि कच्चे तेल के दाम ऊंचे बने रहते हैं, तो रुपये पर और दबाव देखने को मिल सकता है।
2. मजबूत अमेरिकी डॉलर
- मिरे एसेट के अनुज चौधरी का कहना है कि अमेरिकी डॉलर की मजबूती ने भी रुपये की कमजोरी में योगदान दिया है।
- जनवरी 2025 में फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें न बढ़ाने की संभावना के बावजूद डॉलर मजबूत हो रहा है, क्योंकि ग्लोबल मार्केट में अस्थिरता बनी हुई है।
बाजार पर असर भारी बिकवाली से नुकसान
- Foreign Institutional Investors (FII) ने शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजारों में ₹2,254.68 करोड़ की भारी बिकवाली की।
- जनवरी 2025 में अब तक एफआईआई ने भारतीय इक्विटी मार्केट से ₹22,194 करोड़ की पूंजी निकाली है, जिससे बाजार में दबाव बना हुआ है।
- विदेशी पूंजी का बाहर जाना घरेलू शेयर बाजार और रुपये की कमजोरी का प्रमुख कारण है।
Trading Range and Future Outlook
Support Level | Resistance Level |
---|---|
87.00 | 86.25 |
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में कच्चे तेल की कीमतों और ग्लोबल घटनाक्रमों से रुपये की चाल प्रभावित होगी।
- अगर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो रुपये में और गिरावट हो सकती है।
- 87.00 का स्तर महत्वपूर्ण है; इसके टूटने पर रुपये में बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है।