यस बैंक में SBI की हिस्सेदारी बिक्री पर संकट
SBI की यस बैंक में हिस्सेदारी बिक्री योजना
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की यस बैंक में अपनी 24% हिस्सेदारी बेचने की योजना में अड़चनें सामने आ रही हैं। जापानी बैंक MUFG और SMBC, जो यस बैंक में हिस्सेदारी खरीदने के इच्छुक थे, ने फिलहाल रुचि कम कर दी है।
मुख्य बाधाएं
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मतदान अधिकार (वोटिंग राइट्स)
RBI के नियमों के अनुसार, किसी भी प्रमोटर के मतदान अधिकार 26% तक सीमित हैं, भले ही वे 51% हिस्सेदारी खरीदें।- यह नियम विदेशी निवेशकों के लिए हिस्सेदारी खरीदने को कम आकर्षक बनाता है।
- RBI ने इन नियमों में ढील देने से इनकार कर दिया है।
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नियामक जटिलताएं
RBI का कहना है कि विदेशी बैंकों को भारतीय बैंकों में हिस्सेदारी लेने के लिए पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी (WOS) मॉडल अपनाना होगा।- SMBC और MUFG के लिए यह प्रक्रिया लंबी और कठिन है।
- इनके पास भारत में पहले से शाखा संचालन और गैर-बैंकिंग व्यवसाय हैं, जिन्हें WOS में बदलने के लिए नई मंजूरी लेनी होगी।
SMBC और MUFG का भारत में मौजूदा परिचालन
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SMBC
- 2021 में फुलर्टन इंडिया क्रेडिट में 100% हिस्सेदारी खरीदी।
- दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और गिफ्ट सिटी में शाखाएं।
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MUFG
- मुंबई और चेन्नई में बैंक शाखाएं।
- WOS मॉडल अपनाने के लिए इन्हें मौजूदा ढांचे में बदलाव करना होगा।
2020 में यस बैंक संकट और SBI का हस्तक्षेप
मार्च 2020 में यस बैंक के संकट के दौरान, SBI ने बैंक को बचाने के लिए ₹10,000 करोड़ का निवेश किया था। यस बैंक में SBI की हिस्सेदारी 23.98% है।
हिस्सेदारी बिक्री की समय सीमा पर दबाव
SBI ने 2024 के दिसंबर या FY25 के अंत तक हिस्सेदारी बेचने का लक्ष्य रखा था। मौजूदा परिस्थितियों में यह समय सीमा पूरी करना मुश्किल लग रहा है।
स्टॉक पर प्रभाव
- SBI स्टॉक 0.5% गिरावट के साथ ₹835 पर बंद।
- यस बैंक स्टॉक 0.65% बढ़कर ₹20.27 पर बंद।
निष्कर्ष
यस बैंक में हिस्सेदारी बिक्री पर नियमों और विदेशी निवेशकों की घटती रुचि ने बड़ी बाधाएं खड़ी कर दी हैं। SBI को अब इस योजना पर पुनर्विचार करना होगा।