SEBI Circular Updates के तहत इंडेक्स डेरिवेटिव्स के नए नियम

SEBI Circular Updates के तहत इंडेक्स डेरिवेटिव्स के नए नियम, लॉट साइज में वृद्धि 

SEBI Circular Updates – लॉट साइज में वृद्धि 

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने इंडेक्स डेरिवेटिव्स में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है, जिनका उद्देश्य बाजार में स्थिरता और जोखिम प्रबंधन को बेहतर बनाना है। यहाँ 11 अक्टूबर, 2024 के SEBI सर्कुलर के अनुसार किए गए प्रमुख अपडेट्स दिए गए हैं:

1. Contract Size Increase – लॉट साइज में वृद्धि 

  • Current Size 5 लाख से 10 लाख रुपये

  • New Size 15 लाख से 20 लाख रुपये (20 नवंबर, 2024 से लागू)

    Impact
    अनुबंध के लॉट आकार में वृद्धि से मार्जिन आवश्यकताओं में बढ़ोतरी होगी। इसका मुख्य प्रभाव लंबी अवधि के ऑप्शन्स पर पड़ेगा, क्योंकि मौजूदा पोजिशन्स अब ऑड लॉट (असमान लॉट साइज) के रूप में गिनी जा सकती हैं।

2. No Calendar Spread Benefit on Expiry Day

  • Current Benefit वर्तमान में समाप्ति के दिन कैलेंडर स्प्रेड के लिए ट्रेडर्स को मार्जिन में कुछ छूट मिलती है।

  • New Rule 1 फरवरी, 2025 से समाप्ति के दिन यह लाभ नहीं मिलेगा।

    Example
    यदि आपके पास 31 जनवरी को एक शॉर्ट ऑप्शन है, तो आपको पूरे 1 लाख रुपये का मार्जिन बनाए रखना होगा। अब कोई कैलेंडर स्प्रेड लाभ नहीं मिलेगा।

3. Limiting Weekly Expiry Contracts

  • Current Situation NSE पर 4 और BSE पर 2 सूचकांकों के लिए साप्ताहिक समाप्ति के कॉन्ट्रैक्ट्स उपलब्ध हैं।

  • New Rule 20 नवंबर, 2024 से केवल एक बेंचमार्क इंडेक्स पर साप्ताहिक समाप्ति की अनुमति होगी।

    Example
    NSE अब केवल निफ्टी 50 या बैंक निफ्टी में से एक के लिए ही साप्ताहिक समाप्ति की पेशकश कर सकेगा। इससे ट्रेडिंग रणनीतियों और साप्ताहिक ऑप्शन्स की उपलब्धता पर असर पड़ेगा।

4. Additional Margin on Expiry Day

  • New Rule समाप्ति के दिन शॉर्ट पोजिशन पर 2% का एक्सट्रीम लॉस मार्जिन (ELM) लागू होगा।

    Example
    यदि आपके पास 30 अक्टूबर को समाप्त होने वाला निफ्टी कॉल ऑप्शन है, तो आपको अतिरिक्त 2% का मार्जिन रखना होगा। यह कदम जोखिम प्रबंधन को और अधिक मजबूत करेगा।

5. Upfront Collection of Premium When Buying Options

  • New Rule ऑप्शन खरीदने पर संपूर्ण प्रीमियम अग्रिम रूप से जमा करना होगा।

    Impact
    यह नियम अतिरिक्त लीवरेज को रोकने के लिए लागू किया गया है। इससे ट्रेडर्स को ऑप्शन्स में अपनी पोजीशन लेते समय पूरी प्रीमियम राशि का भुगतान करना होगा, जिससे अनचाहे जोखिम कम होंगे।

6. Intraday Monitoring of Position Limits

  • Current System वर्तमान में पोजिशन सीमाएँ दिन के अंत में जाँची जाती थीं।

  • New Rule 1 अप्रैल, 2025 से, पोजीशन लिमिट्स की निगरानी पूरे कारोबारी दिन में की जाएगी।

    Impact
    इस बदलाव का उद्देश्य पूरे दिन के दौरान ट्रेडिंग गतिविधियों की निगरानी करना है, ताकि सीमा से अधिक ट्रेडिंग को रोका जा सके। यह ट्रेडर्स को दिनभर सतर्क रहने की आवश्यकता पर बल देता है।

निष्कर्ष

ये सभी अपडेट्स SEBI की ओर से बाजार में स्थिरता और अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किए गए हैं। ट्रेडर्स को इन नियमों को ध्यान में रखते हुए अपनी ट्रेडिंग रणनीतियाँ तैयार करनी होंगी और उन्हें विशेष रूप से बढ़े हुए मार्जिन और ऑप्शन प्रीमियम के अग्रिम भुगतान जैसी नई आवश्यकताओं का ध्यान रखना होगा।

इन बदलावों से ट्रेडिंग में जोखिम प्रबंधन और अनुशासन को बढ़ावा मिलेगा।

क्या आपको यह अपडेट्स ट्रेडिंग में मददगार लगे? अपनी राय हमारे साथ कमेंट बॉक्स में जरूर शेयर करें!

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