हाल ही में SEBI के अध्ययन का निष्कर्ष: IPO में निवेशकों के व्यवहार का विश्लेषण
हाल ही में SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) द्वारा किए गए एक अध्ययन ने निवेशकों के IPO (प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश) में निवेश और शेयर बाजार में उनके व्यवहार का गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया है। यह अध्ययन अप्रैल 2021 से दिसंबर 2023 के बीच हुए IPOs पर आधारित है और इससे निवेशकों के निर्णय लेने के पैटर्न के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई हैं।
प्रमुख निष्कर्ष:
1. लिस्टिंग गेन का तुरंत लाभ उठाने का चलन: SEBI के अध्ययन में पाया गया कि IPO में निवेश करने वाले आधे से अधिक निवेशकों ने लिस्टिंग के तुरंत बाद, यानी एक सप्ताह के भीतर, अपने शेयरों को बेच दिया। इनमें से अधिकांश निवेशकों ने उन शेयरों को बेचा जिनका मूल्य लिस्टिंग के बाद तेजी से बढ़ा था। आश्चर्यजनक रूप से, इन शेयरों की मौजूदा कीमत अब 70% अधिक है।
2. फायदे और नुकसान पर निवेशकों का रुख: अध्ययन में यह भी सामने आया कि जिन शेयरों ने 20% से अधिक रिटर्न दिया, उनमें से 67.6% शेयरों को निवेशकों ने बेच दिया। इसके विपरीत, जिन शेयरों का मूल्य लिस्टिंग गेन से कम था, उनमें से केवल 23.3% शेयरों को ही बेचा गया। इससे यह स्पष्ट होता है कि निवेशक तेजी से मुनाफा कमाने के अवसर को तुरंत भुनाने का प्रयास कर रहे हैं।
3. डीमैट अकाउंट्स का तेजी से बढ़ता चलन: कोविड-19 महामारी के बाद से डीमैट खातों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है। 2021 और 2023 के बीच खोले गए खातों की संख्या में जबरदस्त उछाल आया है, और 2016 से 2023 के बीच कुल डिमैट अकाउंट्स का 85% हिस्सा इन वर्षों में खोला गया है। यह डेटा दर्शाता है कि शेयर बाजार में निवेश की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है।
4. F&O ट्रेडिंग का खतरनाक रुझान: SEBI के अध्ययन में यह भी उजागर हुआ कि भारत में F&O (फ्यूचर्स और ऑप्शंस) ट्रेडिंग में 10 में से 9 इक्विटी ट्रेडर्स ने अपने पैसे गंवा दिए हैं। इस समूह में 84% पुरुष थे, और 75% की उम्र 40 वर्ष से कम थी। यह डेटा इंगित करता है कि F&O ट्रेडिंग में जोखिम का स्तर बहुत अधिक है, और यह खासतौर से युवा निवेशकों को प्रभावित कर रहा है।
5. IPOs का बाजार पर प्रभाव: 2021 से 2023 के बीच, लगभग 144 नई कंपनियों ने मुख्य बोर्ड IPOs के माध्यम से शेयर बाजार में कदम रखा। इनमें से 26 कंपनियों के शेयरों की कीमत में लिस्टिंग के दिन 50% से अधिक की वृद्धि हुई। इसके अलावा, 90 से अधिक IPOs में 10 गुना से अधिक सब्सक्रिप्शन हुआ, जबकि केवल दो IPOs अंडरसब्सक्राइब हुए। यह दर्शाता है कि IPOs में निवेशकों की रुचि और प्रतिस्पर्धा दोनों बढ़ी हैं।
निष्कर्ष:
SEBI के इस अध्ययन ने IPO में निवेशकों के व्यवहार के कई महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर किया है। यह स्पष्ट है कि निवेशक लिस्टिंग गेन को तुरंत कैश करने के इच्छुक होते हैं, जिससे बाजार में एक विशेष प्रकार का निवेश पैटर्न उभरता है। इसके अलावा, F&O ट्रेडिंग के खतरों के प्रति भी यह अध्ययन आगाह करता है, खासतौर से युवा निवेशकों के लिए।