SEBI ने LODR नियमों

SEBI ने LODR नियमों की समीक्षा के लिए बनाई 22 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति

SEBI ने LODR नियमों की समीक्षा के लिए बनाई 22 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति

 

SEBI ने LODR नियमों

 

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने लिस्टिंग संबंधी दायित्वों और प्रकटीकरण आवश्यकताओं (LODR) के नियमों की समीक्षा और उन्हें और अधिक मजबूत करने के लिए एक 22 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। इस समिति का मुख्य उद्देश्य कंपनियों द्वारा लिस्टिंग प्रक्रिया के दौरान और उसके बाद अनुपालन के मानकों को सुधारना और अधिक पारदर्शी बनाना है। SEBI का यह कदम भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों की सुरक्षा और कंपनियों की जिम्मेदारी को सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।

समिति की संरचना और उद्देश्य:

यह समिति विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित पेशेवरों को शामिल करती है, जैसे कि:

  • कानूनी विशेषज्ञ
  • अकाउंटिंग प्रोफेशनल्स
  • कॉरपोरेट गवर्नेंस के विशेषज्ञ
  • नियामकीय सलाहकार

समिति की जिम्मेदारी है यह सुनिश्चित करना कि भारतीय बाजार में सूचीबद्ध कंपनियां अपने दायित्वों का सटीक और समयबद्ध तरीके से पालन करें। यह समिति लिस्टिंग नियमों को सरल बनाने और उन क्षेत्रों की पहचान करेगी जहां सुधार की आवश्यकता है, विशेष रूप से वित्तीय रिपोर्टिंग, शेयरधारकों की सुरक्षा, और कॉरपोरेट गवर्नेंस से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगी।

पारदर्शिता और जिम्मेदारी पर ध्यान:

SEBI का यह कदम भारतीय बाजार में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में है, जिससे निवेशकों और कंपनियों के बीच विश्वास को मजबूत किया जा सके। यह समिति यह सुनिश्चित करेगी कि कंपनियां अपनी लिस्टिंग के दौरान और बाद में समय पर उचित सूचनाएं प्रदान करें और अपने दायित्वों को पूरा करें।

वैश्विक प्रतिस्पर्धा और निवेशकों का विश्वास:

भारतीय शेयर बाजार को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का भरोसा जीतने के उद्देश्य से, SEBI इस समिति के माध्यम से लिस्टिंग मानकों को बेहतर बनाएगी। इससे भारतीय कंपनियों की विश्वसनीयता और निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा, जिससे बाजार में दीर्घकालिक निवेश प्रवाह बढ़ने की संभावना है।

SEBI की पहल:

SEBI का यह कदम भारतीय शेयर बाजार को पारदर्शी और विश्वसनीय बनाने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। यह समिति भविष्य में बेहतर लिस्टिंग मानकों को तैयार करने और कंपनियों को उनके दायित्वों का पालन कराने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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