SEBI की पूर्व प्रमुख माधबी पुरी बुच को हाईकोर्ट से राहत
कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI की पूर्व प्रमुख माधबी पुरी बुच को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश पर चार हफ्ते की रोक लगा दी।
कोर्ट का फैसला
जस्टिस शिवकुमार दीगे (Justice Shivkumar Dige) की सिंगल बेंच ने कहा कि विशेष अदालत का आदेश मैकेनिकल था और आरोपियों की भूमिका की सही जांच नहीं की गई थी। इसलिए चार हफ्ते की रोक लगाई गई है।
क्या है पूरा मामला?
1994 में एक कंपनी की BSE पर लिस्टिंग में धोखाधड़ी हुई थी।
शिकायतकर्ता सपन श्रीवास्तव ने वित्तीय घोटाले और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।
शनिवार को स्पेशल ACB कोर्ट ने माधबी पुरी बुच और अन्य अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए।
शुक्रवार को ही माधबी पुरी बुच का SEBI प्रमुख के रूप में कार्यकाल समाप्त हुआ था।
एफआईआर दर्ज करने के आदेश को क्यों चुनौती दी गई?
माधबी पुरी बुच और SEBI के तीन मौजूदा पूर्णकालिक निदेशकों –
अश्विनी भाटिया
अनंत नारायण जी
कमलेश चंद्र वार्ष्णेय
साथ ही, BSE के एमडी और सीईओ सुंदररामन राममूर्ति और BSE के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
इनकी दलीलें
विशेष अदालत का आदेश मनमाना और अवैध है।
बिना पूरी जांच के अधिकारियों पर आरोप लगाना अनुचित है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनकी दलील सही मानते हुए चार हफ्ते की रोक लगा दी।