SEBI की मर्चेंट बैंकर्स विनियमों में समीक्षा से कई Merchant Bankers पर संकट

SEBI की मर्चेंट बैंकर्स विनियमों में समीक्षा से कई Merchant Bankers पर संकट, जानिए पूरी खबर

SEBI की मर्चेंट बैंकर्स विनियमों में समीक्षा से कई Merchant Bankers हो सकते हैं बाहर

SEBI की मर्चेंट बैंकर्स विनियमों में समीक्षा से कई Merchant Bankers पर संकट

Securities and Exchange Board of India (SEBI) द्वारा मर्चेंट बैंकर्स के नियमों की प्रस्तावित समीक्षा से भारत में पंजीकृत 225 मर्चेंट बैंकर्स में से कई को व्यवसाय से बाहर होना पड़ सकता है। SEBI, 1992 में बनाए गए मर्चेंट बैंकर्स के विनियमों में महत्वपूर्ण बदलाव करने की योजना बना रहा है, जिससे इस क्षेत्र में बड़े परिवर्तन की संभावना है।

सख्त मानकों का प्रस्ताव

पिछले महीने SEBI द्वारा जारी किए गए Consultation Paper में मर्चेंट बैंकरों के लिए सख्त मानकों का प्रस्ताव रखा गया है। एक महत्वपूर्ण मानक यह है कि यदि कोई मर्चेंट बैंकर कोर मर्चेंट बैंकिंग गतिविधियों से न्यूनतम निर्धारित आय सीमा तक आय अर्जित नहीं करता है, तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। यह नियम विशेष रूप से उन इकाइयों पर लागू होगा जो निष्क्रिय हैं या केवल सीमित निवेश बैंकिंग गतिविधियों में संलग्न हैं।

SEBI की मर्चेंट बैंकर्स विनियमों में समीक्षा से कई Merchant Bankers पर संकट, जानिए  पूरी खबर

उद्योग पर प्रभाव

उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रस्तावित बदलाव उन इकाइयों को प्रभावित करेगा जो पहले से निष्क्रिय हैं और सिर्फ SEBI का लाइसेंस धारण करती हैं, लेकिन कोर मर्चेंट बैंकिंग में सक्रिय नहीं हैं। इससे मर्चेंट बैंकिंग उद्योग पर व्यापक प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है, क्योंकि अधिकतर निकासी उन्हीं फर्मों की होगी जो वर्तमान में सक्रिय रूप से मर्चेंट बैंकिंग कार्यों में संलग्न नहीं हैं।

प्रस्तावित नियमों के प्रमुख बिंदु

SEBI के प्रस्ताव के अनुसार, यदि कोई मर्चेंट बैंकर कम से कम 15 लाख रुपये की वार्षिक आय अर्जित नहीं करता है, तो उसका पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा। इसके अलावा, Category 1 Merchant Bankers के लिए पिछले तीन वित्तीय वर्षों में 25 करोड़ रुपये से अधिक की आय की शर्त को भी अनुचित माना गया है और इसमें सुधार की संभावना है।

इस प्रस्ताव के तहत, SEBI का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल वे मर्चेंट बैंकर जो सक्रिय रूप से और प्रभावी ढंग से काम कर रहे हैं, वे ही लाइसेंस बनाए रखें, जिससे उद्योग में अनुशासन और गुणवत्ता बनी रहे।

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