शाहरुख खान ने जीती टैक्स की लड़ाई
फिल्म “रावण” की सफलता पर बहस जारी है, लेकिन इस फिल्म से जुड़े टैक्स विवाद में शाहरुख खान ने एक बड़ी जीत हासिल की है। इनकम टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूनल (ITAT) ने लंबे संघर्ष के बाद शाहरुख खान के पक्ष में फैसला सुनाया, जिससे यह मामला सुर्खियों में आ गया।
सेलिब्रिटी टैक्स मामलों से सीखने योग्य बातें
बड़े सेलिब्रिटी, खिलाड़ी और बिजनेस पर्सन अक्सर टैक्स डिपार्टमेंट की कड़ी जांच का सामना करते हैं। बड़े लेन-देन के कारण इनकी फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन्स पर ज्यादा स्क्रूटनी होती है। इस केस से दो महत्वपूर्ण टैक्स प्रावधान सामने आए हैं, जो न केवल सेलिब्रिटी बल्कि विदेशों से इनकम अर्जित करने वाले किसी भी टैक्सपेयर पर लागू हो सकते हैं।
क्या था पूरा मामला?
एसेसमेंट ईयर 2012-13 के दौरान, शाहरुख खान इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की स्क्रूटनी में आ गए। उन्होंने अपनी 83.42 करोड़ रुपये की इनकम घोषित की थी, जिसमें उनकी कंपनियाँ Red Chillies Entertainment और Winford Productions की कमाई भी शामिल थी।
Winford Productions, यूनाइटेड किंग्डम (UK) में रजिस्टर्ड थी, और शाहरुख खान ने वहां के टैक्स नियमों के अनुसार फॉरेन टैक्स क्रेडिट (FTC) का दावा किया। भारत और UK के बीच डबल टैक्सेशन एवॉयडेंस एग्रीमेंट (DTAA) लागू है, जिससे यह टैक्स क्रेडिट वैध था।
टैक्स डिपार्टमेंट का रिव्यू और ITAT का फैसला
शुरुआत में सेक्शन 143(3) के तहत उनका टैक्स असेसमेंट पूरा हुआ, और टैक्स ऑफिसर ने उनके टैक्स क्रेडिट को मंजूरी दी। लेकिन चार साल बाद, एसेसिंग ऑफिसर (AO) ने सेक्शन 148 के तहत उनके रिटर्न को फिर से खोल दिया और FTC को अमान्य कर दिया। AO ने तर्क दिया कि इससे सरकार के राजस्व को नुकसान होगा।
लेकिन मामला ITAT तक पहुंचा, जिसने शाहरुख खान के पक्ष में फैसला दिया। ट्राइब्यूनल ने कहा कि रिअसेसमेंट के लिए नए साक्ष्यों की आवश्यकता होती है, और यहाँ कोई नया तथ्य नहीं था, इसलिए AO द्वारा रिअसेसमेंट करना अवैध था।
टैक्सपेयर्स के लिए महत्वपूर्ण टैक्स नियम
1. विदेशी आय पर डबल टैक्सेशन (Double Taxation on Foreign Income)
अगर कोई व्यक्ति विदेशी स्रोत से आय अर्जित करता है, तो उसे दोनों देशों के टैक्स नियमों का पालन करना होता है। DTAA (Double Taxation Avoidance Agreement) के तहत भारत सरकार टैक्सपेयर्स को Foreign Tax Credit (FTC) क्लेम करने की अनुमति देती है, जिससे डबल टैक्स देने से बचा जा सकता है।
FTC क्लेम करने के लिए जरूरी बातें
दोनों देशों में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना अनिवार्य है।
फॉरेन इनकम की सही जानकारी देनी होगी।
फॉर्म 67 भरना जरूरी है।
टैक्स पेमेंट के प्रमाण सुरक्षित रखने होंगे।
अगर ये नियम पालन नहीं किए गए, तो FTC क्लेम खारिज हो सकता है।
2. इनकम टैक्स रिटर्न को दोबारा ओपन करने के नियम
कई टैक्सपेयर्स यह मानते हैं कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल होने के बाद मामला खत्म हो जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है।
सेक्शन 147 और 148 के तहत, अगर किसी इनकम को छिपाया गया है, तो टैक्स डिपार्टमेंट इसे तीन साल के भीतर दोबारा खोल सकता है।
अगर छिपाई गई आय 50 लाख रुपये से अधिक है, तो 10 साल तक टैक्स रिटर्न को फिर से खोला जा सकता है।
बचाव के उपाय
टैक्स रिटर्न, पेमेंट रिसीट और विदेशी टैक्स डॉक्युमेंट्स को 3 से 10 साल तक सुरक्षित रखें।
सभी स्रोतों से प्राप्त आय की सही और पूरी जानकारी दें।
निष्कर्ष सही डॉक्युमेंटेशन से टैक्स विवाद से बचा जा सकता है
शाहरुख खान के इस मामले से यह स्पष्ट होता है कि टैक्स नियमों का सही अनुपालन और मजबूत डॉक्युमेंटेशन बहुत जरूरी है। चूंकि टैक्स अथॉरिटीज अब डिजिटल डेटा एनालिटिक्स और ट्रैकिंग सिस्टम का इस्तेमाल कर रही हैं, इसलिए टैक्सपेयर्स को सभी जानकारियां समय पर और सही तरीके से प्रस्तुत करनी चाहिए।