शेयर बाजार में भारी गिराव

आज शेयर बाजार में भारी गिरावट जानिए गिरावट के प्रमुख कारण

आज शेयर बाजार में भारी गिरावट

शेयर बाजार में भारी गिराव

आज भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है। सेंसेक्स 900 से अधिक अंक टूटकर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 24,500 के नीचे पहुंच गया। इससे बाजार में बेचैनी का माहौल बना हुआ है। इस गिरावट ने बीएसई में लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप को 9.34 लाख करोड़ रुपये कम कर दिया, जिससे यह 444.31 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

गिरावट के प्रमुख कारण

1. कमजोर तिमाही नतीजे

कई प्रमुख कंपनियों के कमजोर तिमाही परिणामों ने बाजार पर नकारात्मक असर डाला है। ब्लू चिप कंपनियों समेत कई अन्य कंपनियों की कमाई में गिरावट देखने को मिल रही है, जिससे निवेशकों में असुरक्षा का माहौल है।

2. वैश्विक बाजारों का दबाव

दुनिया भर के बाजारों में बने दबाव का असर घरेलू बाजारों पर भी पड़ा है। जापान के Nikkei में 1.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जिससे यह अक्टूबर की शुरुआत के बाद अपने न्यूनतम स्तर पर आ गया है। अन्य वैश्विक बाजारों में भी गिरावट देखी जा रही है, जो भारतीय बाजार पर भी असर डाल रही है।

3. डॉलर का मजबूत होना

डॉलर का मजबूत होना भी इस गिरावट का एक प्रमुख कारण है। डॉलर की मजबूती और यूएस बॉन्ड यील्ड में बढ़त से विदेशी निवेशकों ने बाजार से पैसे निकालने शुरू कर दिए हैं, जिससे भारतीय बाजार पर दबाव बना है।

4. अमेरिका के चुनावों की अनिश्चितता

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की अनिश्चितता भी बाजार में अस्थिरता पैदा कर रही है। कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच कड़ी टक्कर की वजह से निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं।

5. FII (विदेशी संस्थागत निवेशक) की निकासी

एफआईआई ने अक्टूबर महीने में अब तक 88,244 करोड़ रुपये की निकासी की है। भारतीय शेयर बाजार में हाई वैल्यूएशन और वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते विदेशी निवेशकों ने भारतीय स्टॉक्स को बेचने का सिलसिला जारी रखा है, जिससे बाजार पर नकारात्मक असर हुआ है।

आज की गिरावट का निवेशकों पर प्रभाव

शेयर बाजार की इस गिरावट से निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में भारी कमी आई है, और कई निवेशकों के पोर्टफोलियो की वैल्यू गिर गई है। विशेष रूप से, जिन निवेशकों ने हाल ही में बाजार में प्रवेश किया है, उन्हें इस गिरावट से बड़ा झटका लगा है।

आगे की संभावनाएं

आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार, अगर वैश्विक बाजारों में सुधार नहीं होता और विदेशी निवेशकों द्वारा निकासी जारी रहती है, तो निकट भविष्य में बाजार में और अस्थिरता देखने को मिल सकती है। हालांकि, लंबी अवधि के निवेशकों को इस गिरावट से घबराने की बजाय अपने पोर्टफोलियो की पुनर्समीक्षा करने की सलाह दी जा रही है।

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