रिटेल निवेशकों की बेजोड़ भागीदारी

भारतीय शेयर बाजार में रिटेल निवेशकों की रिकॉर्डतोड़ भागीदारी

 रिटेल निवेशकों की बेजोड़ भागीदारी

भारत में शेयर बाजार अब केवल संस्थागत निवेशकों तक सीमित नहीं रह गया है। बीते कुछ वर्षों में रिटेल निवेशकों की संख्या में तेज़ी से इज़ाफा हुआ है, और अब वे बाजार की दिशा तय करने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।

22 करोड़ निवेशक खाते NSE ने पार किया नया माइलस्टोन

 रिटेल निवेशकों की बेजोड़ भागीदारी

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की रिपोर्ट के अनुसार भारत में रिटेल निवेशक खातों की संख्या अब 22 करोड़ से अधिक हो गई है। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो दर्शाती है कि आम आदमी भी अब निवेश के प्रति गंभीर हो चुका है।

केवल 6 महीने में 2 करोड़ नए खाते जुड़े

अक्टूबर 2024 में NSE ने 20 करोड़ खाते पार किए थे। इसके बाद सिर्फ 6 महीनों में 2 करोड़ और खाते जुड़ गए हैं। यह तेज़ी बताती है कि लोगों में शेयर बाजार को लेकर जागरूकता और आत्मविश्वास दोनों ही बढ़ा है।

रजिस्टर्ड अकाउंट बनाम वास्तविक निवेशक

हालांकि 22 करोड़ खातों का यह आंकड़ा “स्पेसिफिक क्लाइंट कोड” के आधार पर है, जिससे एक ही व्यक्ति के कई ब्रोकरेज खाते शामिल हो सकते हैं। मार्च 2025 तक वास्तविक रिटेल निवेशकों की संख्या लगभग 11.3 करोड़ है।

कौन-कौन से राज्य सबसे आगे हैं?

 रिटेल निवेशकों की बेजोड़ भागीदारी

NSE डेटा के मुताबिक जिन राज्यों में सबसे ज्यादा निवेशक हैं, वे इस प्रकार हैं:

  • महाराष्ट्र – 3.8 करोड़

  • उत्तर प्रदेश – 2.4 करोड़

  • गुजरात – 1.9 करोड़

  • राजस्थान और पश्चिम बंगाल – 1.3 करोड़ (प्रत्येक)

ये आँकड़े दिखाते हैं कि बड़े और मध्यम राज्य भी अब शेयर बाजार में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं।

डिजिटल ट्रेडिंग ने आसान बनाया निवेश

इस तेज़ बढ़त के पीछे सबसे बड़ी ताकत है डिजिटल तकनीक। अब निवेशक स्मार्टफोन से ही ट्रेडिंग और निवेश कर सकते हैं। यही कारण है कि रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आसान हुई है और ज्यादा लोग जुड़ पा रहे हैं।

निष्कर्ष रिटेल निवेशक बन रहे हैं भारत की आर्थिक नींव

शेयर बाजार में रिटेल निवेशकों की भागीदारी अब एक निर्णायक मोड़ पर है। यह सिर्फ संख्याओं की बात नहीं, बल्कि यह दर्शाता है कि भारत में वित्तीय समझदारी और निवेश की संस्कृति मजबूत हो रही है। आने वाले समय में रिटेल निवेशक ही देश की आर्थिक नींव को और भी मज़बूत बनाएंगे।

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