पोस्ट मार्केट एनालिसिस निफ्टी और सेंसेक्स में भारी गिरावट, टॉप गेनर्स और लूजर्स जानें

भारतीय शेयर बाजार में मंदी और विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट

भारतीय शेयर बाजार में मंदी और विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट

पिछले सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में मंदड़ियों का वर्चस्व रहा, जिसका मुख्य कारण विदेशी निवेशकों द्वारा बाजार से पैसा निकालना है। इसके चलते भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में भी गिरावट देखी गई है, जबकि पाकिस्तान का भंडार बढ़ा है। आइए इस खबर को विस्तार से समझते हैं।

1. भारतीय शेयर बाजार में मंदी का कारण

भारतीय शेयर बाजार में पिछले सप्ताह मंदी का रुख देखा गया। इसका प्रमुख कारण विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय बाजार से पैसे निकालना है, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ा। इसके अलावा, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएँ और उच्च ब्याज दरें भी निवेशकों को आकर्षक विदेशी बाजारों की ओर खींच रही हैं। इस कारण, विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से अपने निवेश को कम कर अन्य जगह निवेश करना शुरू कर दिया है।

2. दिवाली के मुहूर्त ट्रेडिंग में शेयर बाजार में बढ़ोतरी

1 नवंबर को दिवाली के दिन मुहूर्त ट्रेडिंग के अवसर पर भारतीय शेयर बाजार में कुछ समय के लिए तेजी देखी गई। त्योहार के इस विशेष दिन पर सकारात्मक निवेश भावना के कारण शेयर सूचकांकों में बढ़ोतरी हुई और बाजार में थोड़ी स्थिरता आई। हालांकि, दीवाली के बाद बाजार में फिर से मंदी का रुख देखने को मिल सकता है, क्योंकि बाजार में विदेशी निवेशक अपनी पकड़ कमज़ोर कर रहे हैं।

भारतीय शेयर बाजार में मंदी और विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट

3. विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, 25 अक्टूबर 2024 को समाप्त सप्ताह के दौरान भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में $3.46 बिलियन की गिरावट आई। यह लगातार चौथा सप्ताह है जब भारत के भंडार में कमी आई है। भारत का कुल विदेशी मुद्रा भंडार अब $684.805 बिलियन रह गया है, जो 27 सितंबर को $704.885 बिलियन के उच्चतम स्तर पर था। इस गिरावट का प्रमुख कारण विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार से पैसा निकालना है।

4. विदेशी मुद्रा आस्तियों (FCA) में गिरावट

इस सप्ताह भारत की विदेशी मुद्रा आस्तियों (Foreign Currency Assets – FCA) में भी $4.484 बिलियन की कमी आई, जिससे ये अब घटकर $593.751 बिलियन रह गई हैं। विदेशी मुद्रा आस्तियां, विदेशी मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं, जिसमें गैर-अमेरिकी मुद्राओं जैसे यूरो, पौंड और येन का उतार-चढ़ाव भी शामिल होता है। FCA में गिरावट से भंडार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

5. स्वर्ण भंडार में वृद्धि

बाजार की गिरावट के बावजूद, पिछले सप्ताह भारत के स्वर्ण भंडार (Gold Reserve) में $1.082 बिलियन की बढ़ोतरी हुई है, जिससे यह बढ़कर $68.527 बिलियन हो गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत ने विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट को संतुलित करने के लिए अपने स्वर्ण भंडार को मजबूत किया है।

6. विशेष आहरण अधिकार (SDR) और IMF रिजर्व में गिरावट

25 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में भारत के विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights – SDR) में $52 मिलियन की कमी दर्ज की गई, जिससे यह घटकर $18.219 बिलियन रह गया है। इसी सप्ताह, IMF के पास रखे हुए रिजर्व मुद्रा भंडार में भी $9 मिलियन की गिरावट हुई, जो अब $4.307 बिलियन पर पहुंच गया है। यह गिरावट IMF में भारत की मुद्रा भंडार स्थिति पर असर डाल सकती है।

7. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा

जहां भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का सिलसिला जारी है, वहीं पाकिस्तान के भंडार में इस सप्ताह $31.9 मिलियन की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जिससे उनका भंडार अब $16.049 बिलियन तक पहुंच गया है। इससे पहले के सप्ताह में पाकिस्तान के भंडार में कमी आई थी, लेकिन उससे पहले के 7 सप्ताह तक लगातार वृद्धि देखी गई थी। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में सुधार और स्थिरता का यह एक संकेत है, जिससे उनके विदेशी मुद्रा भंडार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

निष्कर्ष

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार विदेशी निवेशकों के बाजार से पैसे निकालने के कारण घट रहा है, वहीं पाकिस्तान के भंडार में सुधार देखा जा रहा है। इससे भारत में आर्थिक दबाव बढ़ रहा है, और आने वाले हफ्तों में बाजार में और गिरावट का सामना हो सकता है। विदेशी मुद्रा भंडार को स्थिर रखने के लिए भारत को विदेशी निवेश को बढ़ावा देने और आर्थिक नीतियों में सुधार की आवश्यकता है।

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