शेयर बाजार में भारी गिरावट, CEA की प्रतिक्रिया
28 फरवरी 2025 को भारतीय शेयर बाजार में आई जबरदस्त गिरावट से निवेशकों की चिंता बढ़ गई। इस बीच, भारत सरकार के चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (CEA) वी अनंत नागेश्वरन ने इस गिरावट को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा कि मुनाफावसूली और विदेशी निवेशकों (FPI) की बिकवाली इस गिरावट की मुख्य वजहें हैं। साथ ही, अमेरिकी शेयर बाजार में कमजोरी के कारण भी भारतीय बाजार पर असर पड़ा है।
अमेरिकी बाजार के असर से गिरा भारतीय मार्केट
CEA नागेश्वरन ने बताया कि जुलाई 2024 से अक्टूबर 2024 के बीच भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखी गई थी, लेकिन इसके बाद गिरावट शुरू हुई।
- 27 फरवरी को अमेरिकी बाजार में बड़ी गिरावट आई, जिसका सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर पड़ा।
- विदेशी निवेशक (FPI) लगातार बिकवाली कर रहे हैं, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ा है।
- मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स पर सबसे ज्यादा असर दिखा।
गिरावट से निवेशकों को भारी नुकसान
28 फरवरी को बाजार में गिरावट के चलते
- BSE का मार्केट कैप 9 लाख करोड़ रुपये घट गया।
- Nifty 400 प्वाइंट्स क्रैश होकर नीचे आया।
- Sensex 1400 प्वाइंट्स लुढ़का।
- मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में मार्च 2020 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई।
- फरवरी में मिडकैप इंडेक्स 11 प्रतिशत और स्मॉलकैप इंडेक्स 13 प्रतिशत टूटा।
- Nifty Smallcap इंडेक्स दिसंबर 2024 के पीक से 25 प्रतिशत गिर चुका है।
निवेशकों को CEA की सलाह बाजार पर भरोसा रखें
नागेश्वरन ने निवेशकों को भारतीय बाजार की ताकत पर भरोसा बनाए रखने की सलाह दी।
- उन्होंने बाजार विशेषज्ञ क्रिस वुड का उदाहरण दिया, जो हमेशा भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ पर भरोसा जताते रहे हैं।
- GDP डेटा मजबूत होने के कारण भारतीय शेयर बाजार लॉन्ग-टर्म में अच्छा प्रदर्शन करेगा।
भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ मजबूत
CEA ने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत फंडामेंटल्स बाजार के लिए सकारात्मक संकेत हैं।
- वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में GDP ग्रोथ 6.2 प्रतिशत रही।
- पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में यह 8.6 प्रतिशत थी।
- इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में ग्रोथ 5.4 प्रतिशत थी, जो अब बढ़कर 6.2 प्रतिशत हो गई है।
यह आंकड़े बताते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति स्थिर है और आगे ग्रोथ जारी रहने की उम्मीद है।
क्या निवेशकों को घबराने की जरूरत है?
नागेश्वरन ने कहा कि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव एक सामान्य प्रक्रिया है।
- ग्लोबल इवेंट्स और विदेशी निवेशकों की गतिविधियों का बाजार पर असर पड़ता रहता है।
- लेकिन भारतीय बाजार के मजबूत फंडामेंटल्स निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत हैं।
- लॉन्ग-टर्म निवेशकों को घबराने के बजाय रणनीति पर ध्यान देना चाहिए।