सितंबर से जारी गिरावट ने बाजार को हिला दिया
भारतीय शेयर बाजार में सितंबर 2024 से लगातार गिरावट देखी जा रही है। सेंसेक्स और निफ्टी में 12% से अधिक की गिरावट आ चुकी है, जिससे कई स्टॉक्स अपने पुराने स्तरों पर पहुंच चुके हैं और अब अच्छी वैल्यूएशन पर उपलब्ध हैं।
हालांकि, निवेशकों में अनिश्चितता बनी हुई है, क्योंकि पिछले तीन महीनों में कई पुलबैक रैलियां फेल हो चुकी हैं। इस वजह से नए निवेशक बाजार में एंट्री लेने से बच रहे हैं।
वैश्विक कारण ट्रंप की टैरिफ नीति का असर
डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ प्लान के कारण वैश्विक बाजारों में अस्थिरता देखी जा रही है।
- चीन के बाजार में 2% की गिरावट आई है, क्योंकि ट्रंप ने 10% नए टैरिफ लगाने की घोषणा की है।
- हांगकांग और इंडोनेशिया के बाजार 3% तक गिरे हैं।
- ताइवान और जापान के बाजारों में भी 2% तक की गिरावट दर्ज की गई है।
वैश्विक आर्थिक मंदी और अमेरिकी टैरिफ पॉलिसी का भारतीय शेयर बाजार पर भी नकारात्मक असर पड़ा है।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली और SIP में गिरावट
भारतीय शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) लगातार बिकवाली कर रहे हैं। इस वजह से:
- SIP अकाउंट्स भी बड़े पैमाने पर बंद हो रहे हैं, जिससे रिटेल निवेशकों का आत्मविश्वास कमजोर हो रहा है।
- HNI निवेशकों के पोर्टफोलियो भी नेगेटिव हो चुके हैं, जिससे मार्केट में और दबाव बढ़ गया है।
बाजार को रिकवरी के लिए बड़े ट्रिगर की जरूरत
वर्तमान परिस्थितियों में बाजार की रिकवरी के लिए कोई बड़ा ट्रिगर नजर नहीं आ रहा।
- भारतीय बाजार 22,000 के सबसे अहम और मजबूत सपोर्ट लेवल के पास पहुंच गया है।
- यदि यह स्तर टूटता है, तो बाजार में और बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है।
क्या निवेशकों को घबराना चाहिए?
संभावित रणनीति
- लॉन्ग-टर्म निवेशकों को घबराने के बजाय गिरावट को अवसर के रूप में देखना चाहिए।
- SIP जारी रखना महत्वपूर्ण है, क्योंकि लॉन्ग-टर्म रिटर्न के लिए नियमित निवेश जरूरी है।
- अच्छी वैल्यूएशन वाले स्टॉक्स पर नजर रखें और मजबूत कंपनियों में निवेश करें।
जोखिम
- ग्लोबल अनिश्चितता बनी हुई है।
- भारतीय बाजार में अभी कोई मजबूत रिकवरी संकेत नहीं दिख रहे।
- सपोर्ट लेवल टूटने पर और गिरावट की संभावना है।
क्या आप इस गिरावट में निवेश करेंगे या वेट एंड वॉच की रणनीति अपनाएंगे? अपनी राय कमेंट में साझा करें।