शेयर बाजार में निवेश करने से पहले जानें 13 महत्वपूर्ण शब्द
1. शेयर (Share)
शेयर एक कंपनी की स्वामित्व की छोटी इकाई होती है। जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं, तो आप उस कंपनी के हिस्सेदार बन जाते हैं और उसके लाभ में हिस्सेदारी प्राप्त करते हैं। शेयरधारकों को कंपनी के प्रदर्शन और मुनाफे के अनुसार लाभांश (डिविडेंड) भी मिल सकता है। इससे आप कंपनी के विकास में भागीदार बनते हैं।
2. शेयर बाजार (Stock Market)
शेयर बाजार वह जगह है जहां निवेशक शेयरों का क्रय और विक्रय करते हैं। इसे अंग्रेजी में स्टॉक एक्सचेंज भी कहते हैं। यहां पर विभिन्न कंपनियां सूचीबद्ध होती हैं और निवेशक उनके शेयरों में निवेश कर सकते हैं। शेयर बाजार के माध्यम से कंपनियां पूंजी जुटाती हैं और निवेशकों को कमाई का अवसर देती हैं।
3. आईपीओ (IPO – Initial Public Offering)
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयरों को सार्वजनिक रूप से बेचती है, तो इसे आईपीओ कहते हैं। इसके जरिए कंपनी शेयर बाजार में सूचीबद्ध होती है और बड़े निवेशकों से लेकर आम निवेशकों तक अपनी पूंजी जुटा सकती है। आईपीओ निवेश के लिए कंपनी की वित्तीय स्थिति, भविष्य की योजनाओं और विकास दर को समझना जरूरी है।
4. बुल मार्केट (Bull Market)
बुल मार्केट वह समय होता है जब शेयर बाजार में तेजी रहती है और शेयरों की कीमतें बढ़ती हैं। इस समय निवेशकों का रुझान सकारात्मक होता है और वे नए निवेश करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं। बुल मार्केट में निवेश करना आमतौर पर लाभदायक होता है, लेकिन सोच-समझ कर ही निर्णय लें।
5. बेयर मार्केट (Bear Market)
बेयर मार्केट वह समय होता है जब शेयर बाजार में गिरावट आती है और शेयरों की कीमतें घटती हैं। इस समय निवेशक जोखिम से बचने के लिए अपने शेयर बेचते हैं। बेयर मार्केट में निवेशकों को अक्सर नुकसान होता है, इसलिए इसमें धैर्य और समझ के साथ निवेश करना चाहिए।
6. डीमैट अकाउंट (Demat Account)
डीमैट अकाउंट एक प्रकार का बैंक खाता होता है जिसमें आपके शेयर इलेक्ट्रॉनिक रूप में जमा होते हैं। डीमैट अकाउंट से आप अपने शेयरों को आसानी से खरीद-बेच सकते हैं और इसे खोलना शेयर बाजार में निवेश के लिए आवश्यक होता है।
7. एनएसई और बीएसई (NSE & BSE)
एनएसई (NSE – नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) और बीएसई (BSE – बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं। एनएसई में निवेशकों के पास बड़ी कंपनियों के शेयर में निवेश का मौका होता है, जबकि बीएसई भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है और इसमें विभिन्न प्रकार की कंपनियां सूचीबद्ध हैं।
8. डिविडेंड (Dividend)
डिविडेंड कंपनी के मुनाफे का वह हिस्सा होता है जो शेयरधारकों के बीच वितरित किया जाता है। डिविडेंड मिलने से निवेशकों को नियमित आय प्राप्त होती है, जिससे निवेशक अपने निवेश के लाभ को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं।
9. पी/ई अनुपात (P/E Ratio)
पी/ई अनुपात किसी कंपनी के शेयर के मूल्य और प्रति शेयर आय (EPS) का अनुपात होता है। इस अनुपात से पता चलता है कि निवेशक कंपनी की भविष्य की आय के लिए कितना भुगतान करने को तैयार हैं। यह शेयर के मूल्यांकन और निवेश निर्णय में मदद करता है।
10. मार्केट कैप (Market Capitalization)
मार्केट कैप का मतलब है किसी कंपनी का कुल बाजार मूल्य। इसे कंपनी के जारी किए गए कुल शेयरों की संख्या को वर्तमान शेयर मूल्य से गुणा करके निकाला जाता है। मार्केट कैप से कंपनी की आर्थिक स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है और यह निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण संकेतक होता है।
11. वॉल्यूम (Volume)
वॉल्यूम से तात्पर्य किसी दिन में किसी विशेष शेयर का कितना लेन-देन हुआ है। वॉल्यूम से शेयर की तरलता और निवेशकों की रुचि को समझा जा सकता है। अधिक वॉल्यूम वाले शेयरों में तरलता होती है, जिससे उन्हें खरीदना-बेचना आसान होता है।
12. स्टॉप-लॉस (Stop-Loss)
स्टॉप-लॉस एक प्रकार का ऑर्डर होता है जो नुकसान से बचने के लिए लगाया जाता है। इसमें एक प्री-सेट मूल्य निर्धारित किया जाता है जिस पर शेयर अपने आप बिक जाएगा यदि उसकी कीमत उस स्तर तक गिर जाए। स्टॉप-लॉस से निवेशक अपने नुकसान को सीमित कर सकते हैं।
13. सपोर्ट और रेसिस्टेंस (Support & Resistance)
सपोर्ट और रेसिस्टेंस शेयर बाजार के दो महत्वपूर्ण स्तर होते हैं। सपोर्ट वह स्तर होता है जहां शेयर की कीमत गिरना बंद करती है और बढ़ने लगती है, जबकि रेसिस्टेंस वह स्तर होता है जहां कीमत बढ़ना बंद करती है और गिरने लगती है। इन स्तरों को समझकर निवेशक खरीद-बिक्री का उचित निर्णय ले सकते हैं।
निष्कर्ष
इन प्रमुख शेयर बाजार शब्दों की समझ हर निवेशक के लिए अनिवार्य है। यह न केवल निवेश की प्रक्रिया को आसान बनाता है बल्कि सही निर्णय लेने में भी सहायक होता है। शेयर बाजार में ज्ञान और समझ के साथ निवेश करने से जोखिम कम होता है और लाभ की संभावना बढ़ती है।