स्टॉक मार्केट में लेवरेज क्या होता है ?
कैपिटल मार्केट में बहुत से टर्म्स होते हैं, और एक निवेशक के रूप में इनका सही ज्ञान होना जरूरी है। Leverage एक ऐसा ही महत्वपूर्ण टर्म है, जिसे समझकर आप अपने निवेश पर बेहतरीन लाभ कमा सकते हैं। आइए विस्तार से समझते हैं।
लेवरेज की परिभाषा
लेवरेज वह प्रक्रिया है जिसमें आपका ब्रोकर आपको उधार देकर आपकी खरीद क्षमता बढ़ा देता है। इसका मतलब आप अपने पास मौजूद पूंजी से अधिक स्टॉक्स खरीद सकते हैं।
उदाहरण
मान लीजिए, आप ₹100 में एक स्टॉक खरीदते हैं। अगर आप ₹50 अपने पास से लगाते हैं और ₹50 ब्रोकर से उधार लेते हैं (लेवरेज लेते हैं), और स्टॉक की कीमत ₹150 तक बढ़ जाती है, तो आपका रिटर्न 100% हो सकता है, जबकि बिना लेवरेज के सिर्फ 50% होता।
लेवरेज के साथ जोखिम
लेवरेज का उपयोग करने पर आपको अधिक मुनाफा कमाने का अवसर मिलता है, लेकिन इसके साथ जोखिम भी जुड़ा होता है। अगर स्टॉक की कीमत नीचे गिरती है, तो आपका नुकसान भी बढ़ जाता है। इसलिए, समझदारी से निवेश करना और स्टॉप-लॉस जैसी जोखिम प्रबंधन की तकनीकें अपनाना जरूरी है।
किन स्टॉक्स पर लेवरेज मिलता है?
हर स्टॉक पर लेवरेज नहीं मिलता। SEBI के नियमानुसार, कुछ चुने हुए स्टॉक्स पर ही लेवरेज का उपयोग किया जा सकता है।
मार्जिन का सही उपयोग कैसे करें?
- न्यूनतम बैलेंस ब्रोकरेज फर्म्स द्वारा तय किए गए न्यूनतम बैलेंस का ध्यान रखें।
- Leverage Ratio उदाहरण के लिए, अगर 2:1 लेवरेज मिल रहा है, तो आप अपने निवेश का दोगुना उधार ले सकते हैं।
- स्टॉप-लॉस सेट करें स्टॉप-लॉस ऑर्डर लगाने से आप संभावित नुकसान से बच सकते हैं।
निष्कर्ष
लेवरेज एक उपयोगी टूल है, पर इसका सही उपयोग जरूरी है। यदि आप बिना सही रणनीति के इसका उपयोग करते हैं, तो आपको भारी नुकसान हो सकता है। इसलिए, हमेशा अपनी पोजीशन पर ध्यान दें और जोखिम प्रबंधन तकनीकों का उपयोग करें।