क्या शेयर बाजार की तेजी या गिरावट?
भारतीय शेयर बाजार में हाल ही में जो तेजी देखने को मिली है, उसने निवेशकों को दो हिस्सों में बांट दिया है –
खुश निवेशक और पछताने वाले निवेशक।
खुश हैं जिन्होंने गिरावट में निवेश किया
Market Correction के दौरान जिन निवेशकों ने बहादुरी दिखाकर निवेश किया, उनका पोर्टफोलियो अब हरे निशान में है और वे इस तेजी का लाभ उठा रहे हैं।
पछता रहे हैं जो मौके से चूक गए
दूसरी ओर, वे निवेशक जो डर के कारण उस समय निवेश नहीं कर पाए, अब पछता रहे हैं और सोच रहे हैं – “काश उस समय निवेश किया होता!”
क्या यह तेजी टिकेगी? जानिए अलग-अलग नजरिए
दलजीत सिंह कोहली (Roha Asset Managers LLP) की राय:
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बाजार में अब भी “uncertainty” बनी हुई है।
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हालिया तेजी एक panic reaction के बाद आई है।
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90 दिन का टैरिफ पॉज भारतीय बाजार के लिए राहत की खबर है।
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लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह तेजी स्थायी है या अस्थायी।
Long-Term Investors के लिए सलाह
गिरावट के दौरान ही निवेश करें, यही सही रणनीति है।
आईटी सेक्टर को लेकर सतर्क
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कोहली IT सेक्टर से फिलहाल निराश हैं।
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उनका कहना है कि AI Technology और अमेरिका की अनिश्चितता इस सेक्टर की ग्रोथ को प्रभावित कर रही है।
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वे इसीलिए IT स्टॉक्स को अपने पोर्टफोलियो में नहीं रख रहे।
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इसके उलट वे Consumption सेक्टर को लेकर बुलिश हैं।
अरुण मल्होत्रा (CapGrow Capital Advisors) की चेतावनी
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Tariff War अभी Transition Phase में है, और इसका outcome अनिश्चित है।
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बाजार में जो volatility चल रही है, वह इसी वजह से है।
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90 दिनों का विराम जरूर राहत देता है, पर यह स्थायी समाधान नहीं है।
मल्होत्रा की चेतावनी
“राहत अस्थायी हो सकती है, जल्दबाजी में कोई निष्कर्ष निकालना ठीक नहीं।”
निष्कर्ष निवेश से पहले सोच-समझकर फैसला लें
बाजार की मौजूदा तेजी को लेकर विशेषज्ञों की राय मिश्रित है। जहां कुछ इसे निवेश का अच्छा मौका मान रहे हैं, वहीं कुछ इसे एक और गिरावट से पहले की चेतावनी समझ रहे हैं। ऐसे में निवेशकों के लिए जरूरी है कि वे:
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Fundamental और Technical एनालिसिस करें
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सेक्टर का भविष्य समझें
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और सबसे जरूरी – अपना डर और लालच कंट्रोल में रखें