केंद्रीय बजट

सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स में बदलाव का असर

सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स  में बदलाव का असर

सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स

 

मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट संसद में पेश किया। इस बजट में एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई, जिसमें फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) सेगमेंट में सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) को बढ़ाकर 0.1 प्रतिशत किया गया है। आइए इस घोषणा का व्यापक विश्लेषण करें और जानें कि इसका रिटेल ट्रेडर्स और शेयर बाजार पर क्या असर पड़ेगा।

बजट की महत्वपूर्ण घोषणाएँ

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 अक्टूबर से फ्यूचर्स और ऑप्शन्स पर सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स STT में वृद्धि की घोषणा की है। इस घोषणा के अनुसार:

  • ऑप्शन सेलिंग पर सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स STT को ऑप्शन प्रीमियम के 0.0625 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.1 प्रतिशत कर दिया गया है।
  • फ्यूचर्स सेलिंग पर STT को उस कीमत का 0.0125 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.02 प्रतिशत कर दिया गया है जिस पर फ्यूचर्स की ट्रेडिंग की जाती है।

मार्केट एक्सपर्ट्स का मत

बजट में सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स में हुई इस वृद्धि पर मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसका रिटेल ट्रेडर्स पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा। कुछ महत्वपूर्ण विश्लेषक इस प्रकार हैं:

  1. आशिश नंदा, हेड, कोटक सिक्योरिटीज डिजीटल बिजनेस: आशिश नंदा का कहना है कि इस कदम से ट्रेडर्स पर किसी भी प्रकार का असर नहीं होगा। यह वृद्धि इतनी कम है कि इसका रिटेल ट्रेडर्स की सट्टेबाजी पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा।
  2. आशिश चौहान, सीईओ, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज: आशिश चौहान ने भी इस वृद्धि को बहुत कम माना है और कहा कि यह वृद्धि ट्रेडर्स पर किसी भी तरह से प्रभावी नहीं होगी।
  3. कलीम खान, फाउंडर, पेटरल रिसर्च: कलीम खान ने कहा कि F&O ट्रेडिंग में भारी वॉल्यूम देखा जा रहा है, खासकर ऑप्शन ट्रेडिंग में। सरकार को हर साल सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स से ऑप्शन सेगमेंट में 27 हज़ार करोड़ रुपए की कमाई हो रही है। इस टैक्स में वृद्धि से यह आंकड़ा और बढ़ेगा। कलीम ने सुझाव दिया कि यदि सरकार का उद्देश्य रिटेलर्स को नुकसान से बचाना है तो उन्हें ऑप्शन सेगमेंट में हर दिन होने वाली वीकली एक्सपायरी बंद करनी चाहिए।

SEBI का ‘ट्रू टू लेबल’ सर्कुलर

साथ ही, SEBI का ‘ट्रू टू लेबल’ सर्कुलर भी 1 अक्टूबर से लागू होगा। इस सर्कुलर के तहत स्टॉक एक्सचेंजों को ब्रोकरों से एक जैसा चार्ज लेने का आदेश दिया गया है। बदलाव लागू होने के बाद एक्सचेंज टर्नओवर चार्ज कम हो जाएगा, जिससे ट्रेडिंग कास्ट में कमी आएगी।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर, बजट में सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स में वृद्धि का रिटेल ट्रेडर्स पर खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस वृद्धि का उद्देश्य घरेलू बचत को सट्टेबाजी से दूर रखना है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से ट्रेडिंग गतिविधियों में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं आएगा। साथ ही, SEBI के नए सर्कुलर से ट्रेडिंग कास्ट में कमी आएगी, जिससे ट्रेडर्स को फायदा होगा।

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