The reason behind the decline of the stock market
7 अक्टूबर 2024 को, Nifty 50 इंडेक्स के हरे निशान में खुलने के बाद, Smallcap और Midcap इंडेक्स ने सुबह के सत्र में लगभग 3 प्रतिशत की गिरावट के साथ अपनी बढ़त खो दी। यह गिरावट कई महत्वपूर्ण कारकों के संयोजन का परिणाम है, जो बाजार के वातावरण को प्रभावित कर रहे हैं।
गिरावट के कारण
1. पिछले सप्ताह की गिरावट का विस्तार
5Paisa के रिसर्च एनालिस्ट Ruchit Jain के अनुसार, यह गिरावट पिछले सप्ताह देखी गई गिरावट का विस्तार है। FIIs (Foreign Institutional Investors) चीनी शेयर बाजारों के सस्ते मूल्यांकन के कारण बड़े पैमाने पर बिकवाली कर रहे हैं, खासकर चीन के प्रोत्साहन के बाद।
2. भौगोलिक तनाव और तेल की कीमतें
बढ़ते geopolitical tensions और तेल की कीमतों में तेजी ने भी प्रमुख बाजारों में गिरावट को बढ़ाया है। Midcap और Smallcap इंडेक्स में उच्च बीटा स्टॉक्स होने के कारण, ये इंडेक्स तेजी से गिरावट का सामना करते हैं। हालांकि, तेजी के समय ये इंडेक्स Nifty 50 और Sensex से बेहतर प्रदर्शन करते हैं।
बढ़ती तेल की कीमतों का प्रभाव
Middle East में तनावों के कारण तेल की कीमतों में तेजी आई है, जिससे भारतीय बाजारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। भारत, जो अपनी ऊर्जा जरूरतों का बड़ा हिस्सा आयात करता है, तेल की बढ़ती कीमतों के प्रति बहुत संवेदनशील है, खासकर current account deficit के संदर्भ में।
3. FII बिकवाली का दबाव
Ventura Securities के Vineet Bolinjkar के अनुसार, तेल की ऊंची कीमतें FIIs की बिकवाली को भी तेज कर रही हैं। जब विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों में निवेश करते हैं, तो वे currency risk को ध्यान में रखते हैं। अगर मुद्रा में तेजी से गिरावट होती है, तो एफआईआई तेजी से पैसा निकालने की कोशिश करते हैं।
4. अक्टूबर में FII आउटफ्लोज़
अक्टूबर में अब तक FIIs ने 30,720 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं, और विश्लेषकों को उम्मीद है कि FPI flows अस्थिर बने रहेंगे। दूसरी ओर, पिछले पांच सत्रों में चीन-समर्पित फंडों में 13 अरब डॉलर से अधिक का निवेश हुआ है।
निष्कर्ष
7 अक्टूबर को भारतीय शेयर बाजार में आई गिरावट कई आर्थिक और राजनीतिक कारकों का परिणाम है। बढ़ते तेल की कीमतें, FII बिकवाली का दबाव, और विदेशी बाजारों के सस्ते मूल्यांकन ने मिलकर बाजार के स्थिरता को प्रभावित किया है। निवेशकों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे इस अस्थिरता के बीच सतर्क रहें और अपने निवेश निर्णयों में सावधानी बरतें।