भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट 

भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट ट्रंप के नए टैरिफ प्लान से मची अफरा-तफरी

भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट 

भारतीय शेयर बाजार में आज निफ्टी और सेंसेक्स में 2% की भारी गिरावट देखी जा रही है। इस गिरावट के पीछे मुख्य कारण अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ प्लान बताया जा रहा है, जिससे निवेशकों में पैनिक सेलिंग देखने को मिल रही है।

भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट 

ट्रंप का टैरिफ प्लान एक्सपोर्टर्स पर दबाव

  • डोनाल्ड ट्रंप, जो पहले 2017 से 2021 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रह चुके हैं, के पहले कार्यकाल के दौरान
    • निफ्टी में 38% की बढ़ोतरी हुई थी।
    • NASDAQ ने 77% का उछाल देखा था।
  • लेकिन अब, ट्रंप के नए टैरिफ प्लान के तहत, अमेरिका से व्यापार करने वाले देशों, खासकर भारत और चीन पर भारी आयात शुल्क लगाए जाने की संभावना है।
  • इससे भारत की मैन्युफैक्चरिंग और टेक्सटाइल कंपनियों, जो अमेरिका को बड़े पैमाने पर निर्यात करती हैं, पर दबाव बढ़ गया है।

भारतीय शेयर बाजार पर असर

  1. पैनिक सेलिंग का माहौल
    • भारतीय निवेशकों के बीच अनिश्चितता के कारण सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई।
    • सेंसेक्स 1,200 अंकों तक गिरा और निफ्टी 450 अंकों तक फिसल गया।
  2. रुपए में ऐतिहासिक गिरावट
    • भारतीय रुपया 86.70 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जो इस महीने अब तक 3% कमजोर हो चुका है।
    • कमजोर रुपया आयात महंगा करेगा, जिससे मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी हो सकती है।
  3. विदेशी निवेशकों की बिकवाली
    • एफआईआई (Foreign Institutional Investors) ने भारी मात्रा में बिकवाली की, जिससे बाजार में और दबाव बढ़ गया।
    • जनवरी 2025 में अब तक विदेशी निवेशक 22,000 करोड़ रुपये की बिकवाली कर चुके हैं।

किन सेक्टर्स पर पड़ेगा असर?

भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट 

1. घाटे में रहने वाले सेक्टर

  • IT और फार्मा
    • ट्रंप प्रशासन का फोकस ‘अमेरिका फर्स्ट’ पॉलिसी पर होने के कारण भारतीय आईटी कंपनियों पर दबाव रहेगा।
    • TCS, Infosys, और HCL जैसी कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखने को मिल रही है।
  • ऑटो सेक्टर
    • अमेरिका में निर्यात पर निर्भर भारतीय ऑटो कंपनियां जैसे Tata Motors, M&M को नुकसान हो सकता है।
  • मेटल और केमिकल सेक्टर
    • टैरिफ बढ़ने से भारत के मेटल निर्यात पर असर पड़ेगा, जिससे स्टील और केमिकल कंपनियों के मार्जिन घट सकते हैं।

2. फायदा पाने वाले सेक्टर

  • डिफेंस और इंडिजिनस मैन्युफैक्चरिंग
    • ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को गति मिलेगी क्योंकि सरकार आयात विकल्पों पर ध्यान देगी।
  • एफएमसीजी सेक्टर
    • घरेलू मांग में बढ़ोतरी के कारण Hindustan Unilever, Nestle और ITC जैसी कंपनियों को फायदा हो सकता है।

निष्कर्ष

ट्रंप के सत्ता में वापसी के साथ भारतीय बाजार में अस्थिरता बढ़ी है, और निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है। रुपये की गिरावट, विदेशी बिकवाली, और टैरिफ बढ़ोतरी जैसे कारक बाजार के लिए चुनौती बने रह सकते हैं।

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