ट्रंप के टैरिफ फैसले

ट्रंप के टैरिफ फैसले से ग्लोबल मार्केट को राहत

ट्रंप के टैरिफ फैसले से ग्लोबल मार्केट को राहत

टैरिफ में राहत से बाजार में आई तेज़ी

9 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत सहित 78 देशों को टैरिफ से अस्थायी राहत देने की घोषणा की।
इस फैसले के बाद 11 अप्रैल को भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखी गई।
Sensex और Nifty जैसे प्रमुख सूचकांक उछल गए, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा।

ट्रंप के टैरिफ फैसले

पहले टैरिफ ने किया था बाजार को चोटिल

इससे पहले ट्रंप की टैरिफ नीति ने अमेरिका, यूरोप और एशिया के बाजारों में भारी गिरावट ला दी थी।
हालांकि, फिलहाल 90 दिनों की राहत मिली है, लेकिन इसके बाद फिर से अनिश्चितता का माहौल बन सकता है।

ट्रंप की पॉलिसी अनुमान लगाना मुश्किल

Geojit Financial Services के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार के अनुसार:
“ट्रंप की नीतियां अनिश्चित होती हैं। अगर बाजार में और तेजी आती है, तो वह शॉर्ट-कवरेज का नतीजा हो सकती है, लेकिन ऊंचे वैल्यूएशन के चलते यह तेजी ज्यादा लंबी नहीं चल सकती।”

भारत पर सीमित लेकिन इनडायरेक्ट असर

मार्केट एनालिस्ट अंबरीश बालिगा का कहना है कि भारत पर ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी का प्रत्यक्ष प्रभाव सीमित रहेगा क्योंकि भारत का अमेरिका को एक्सपोर्ट उसकी GDP का केवल 2.1 प्रतिशत है।
हालांकि, सेंटिमेंट और विदेशी निवेश जैसे इनडायरेक्ट फैक्टर इस नीति से प्रभावित हो सकते हैं।

ट्रंप के टैरिफ फैसले

अमेरिका-चीन तनाव से बढ़ सकती है अनिश्चितता

अमेरिका ने चीन पर 145 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जबकि चीन ने जवाब में अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर 84 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है।
यह व्यापार युद्ध ग्लोबल मार्केट में अस्थिरता का कारण बन सकता है।

विदेशी निवेशक भारत की ओर लौट सकते हैं

बालिगा के अनुसार, चीन की कमजोर होती अर्थव्यवस्था और घटती कॉरपोरेट कमाई को देखते हुए विदेशी निवेशकों की “Sell India, Buy China” रणनीति कमजोर हो रही है।
ऐसे में वे एक बार फिर भारतीय बाजार का रुख कर सकते हैं।

किन स्टॉक्स में दिख सकती है रौनक

अगर विदेशी निवेशक भारत में वापसी करते हैं, तो निम्नलिखित ब्लूचिप स्टॉक्स में तेजी देखी जा सकती है:

  • HDFC Bank

  • ICICI Bank

  • Bharti Airtel

  • Bajaj Finance

ये स्टॉक्स लंबे समय से विदेशी निवेशकों की पसंद की सूची में शामिल रहे हैं।

निष्कर्ष

90 दिन की यह टैरिफ राहत बाजार को अस्थायी समर्थन जरूर देती है, लेकिन यह कोई स्थायी समाधान नहीं है।
ऐसे माहौल में निवेशकों को सतर्क रहकर निवेश करना चाहिए और मजबूत फंडामेंटल वाले स्टॉक्स या ETFs को प्राथमिकता देनी चाहिए।

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