Tushar Pradhan का Market Outlook
1. Hexagon Partners के Director Tushar Pradhan का अनुभव
Tushar Pradhan, जो Hexagon Partners के डायरेक्टर हैं, ने भारत-पाक तनाव और वैश्विक आर्थिक संकेतकों के बीच भारतीय शेयर बाजार पर अपना विश्लेषण प्रस्तुत किया। वे इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट क्षेत्र में 30 वर्षों का अनुभव रखते हैं और उनका विश्लेषण गंभीर निवेशकों के लिए उपयोगी साबित हो सकता है।
2. भारत-पाक तनाव और बाजार की चाल
Tushar Pradhan के अनुसार, भारत-पाक तनाव से बाजार की नजरें हट नहीं रही हैं। हालांकि हाल के दिनों में भारतीय बाजार में अच्छी तेजी देखी गई, लेकिन इस तनाव के चलते निवेशक फिलहाल ‘Wait and Watch’ की स्थिति में हैं। वे सलाह देते हैं कि यदि बाजार में गिरावट आती है तो यह अच्छे स्टॉक्स में दीर्घकालिक निवेश का अवसर बन सकता है।
3. बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर में नई ऊर्जा
Tushar Pradhan ने विशेष रूप से Banking और NBFCs को लेकर सकारात्मक रुख जताया है। उनका मानना है कि यह सेक्टर पिछले कुछ समय से सुस्त था, लेकिन अब इसमें तेजी की संभावनाएं बन रही हैं। अगले दो वर्षों में इस क्षेत्र में अच्छी Earnings Growth की संभावना है, जो निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर प्रस्तुत करता है।
4. Tariff War में राहत और भारत की भूमिका
वैश्विक स्तर पर Tariff War को लेकर तनाव कुछ कम हुआ है, जिसका सीधा फायदा भारत को मिल सकता है। भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (Global Supply Chain) में मजबूत भूमिका निभा सकता है, जिससे विदेशी निवेश का रुझान भारत की ओर बढ़ सकता है।
5. बाजार में गिरावट भारत-पाक तनाव का प्रभाव
भारत-पाक तनाव ने शेयर बाजार पर नकारात्मक प्रभाव डाला है।
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Nifty करीब 280 अंकों की गिरावट के साथ 24,000 से नीचे बंद हुआ।
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Bank Nifty में 650 अंकों से अधिक की गिरावट आई।
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Midcap और Smallcap शेयरों में 2% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई।
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वहीं, INDIA VIX में 5% से ज्यादा की तेजी आई, जो बाज़ार में डर के बढ़ने का संकेत है।
6. सेक्टर वाइज़ प्रदर्शन किन सेक्टर्स पर पड़ा सबसे ज्यादा असर
इन सेक्टर्स में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई
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Capital Goods
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Public Sector Units (PSUs)
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Metals
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Real Estate (Realty)
इन सभी में 2% से लेकर 2.5% तक की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, कुछ IT स्टॉक्स में हल्की खरीदारी देखी गई।
7. प्रमुख स्टॉक्स का प्रदर्शन किसने किया निराश
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Axis Bank शानदार नतीजों के बावजूद मुनाफावसूली के कारण लगभग 4% गिरा और Nifty का टॉप लूज़र बना।
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Cyient कमजोर नतीजों के चलते 7% गिरा, और फ्यूचर्स सेगमेंट का सबसे बड़ा लूज़र रहा।
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SBI Cards और L&T Tech दोनों कंपनियों ने कमजोर क्वार्टर रिजल्ट्स दिए, जिससे इनके शेयर 5% तक टूट गए।
निष्कर्ष बाजार में सतर्कता जरूरी, लेकिन अवसर भी मौजूद
Tushar Pradhan का मानना है कि मौजूदा हालात में भले ही बाजार में अनिश्चितता हो, लेकिन यह समय गुणवत्ता वाले स्टॉक्स में दीर्घकालिक नजरिए से निवेश के लिए उपयुक्त है। बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में आगामी वर्षों में मजबूती देखी जा सकती है, और वैश्विक व्यापारिक स्थितियों से भारत को नई ऊर्जा मिल सकती है।